
अब महापौर की रेस शुरू,हाडलां का पक्ष मजबूत



बीकानेर। शहर की सरकार के गठन की कवायद परिणाम आने के बाद शुरू हो गई है। महापौर बनने के लिये संभावितों ने दौड़ धूप भी तेज कर दी है। बताया जा रहा है कि भाजपा में महापौर के लिये चार दावेदार माने जा रहे है। जिसमें सुशीला कंवर राजपुरोहित व लक्ष्मीकंवर हाडलां के साथ सुमन छाजेड़,मधु सोनी का नाम भी जोर शोर से चर्चा में है। किन्तु इन चारों दावेदारों में लक्ष्मीकंवर हाडलां का दावा मजबूत माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों की माने तो लगातार तीन बार पार्षद के रूप में निगम सदन पहुंची हाडलां दो बार चुनाव जीतकर तो एक बार मनोनीत पार्षद के रूप प्रतिनिधित्व कर चुकी है। वहीं इनके पति श्याम सिंह हाडलां भी एक बार पार्षद बन चुके है। जानकारी में रहे कि श्याम सिंह हाडलां केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल व विधायक सिद्विकुमारी के नजदीकी है। उन्हें राजपूतों के युवा नेताओं में भी प्रमुखता से माना जाता है। ऐसे में राजपूतों के हासिए पर आएं केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम यदि लक्ष्मीकंवर हाडलां पर अपना दावं खेलते है तो उन्हें इसका न केवल राजनीतिक लाभ मिलेगा। बल्कि वे राजपूतों में अपनी पैठ जमाने में भी कामयाब हो सकेंगे। वहीं दूसरी तरफ ट्रेड यूनियन के नेता गुमान सिंह राजपुरोहित की पुत्र वधु सुशीला कंवर का दावा भी महापौर के लिये है। किन्तु उनका एक पक्ष महापौर की कुर्सी के लिये आड़े आ सकता है। राजनीतिक जानकार बताते है कि सुशीला कंवर को महापौर का बनाने का पार्टी में विरोध भी हो सकता है। भाजपा को यह डर है कि पूर्व में पार्टी के प्रति उदासीनता कही पार्षदों में नाराजगी न पैदा कर दें। इस लिहाज से पार्टी फूंक फूंककर कदम रख रही है। हालांकि महापौर को लेकर भाजपा की स्थिति कल नामांकन भरने के बाद स्पष्ट हो जाएगी कि आखिर भाजपा किस पर दावं खेलती है। किन्तु केन्द्रीय मंत्री की चारों दावेदारों से नजदीकियां कही न कही पार्टी को सोचने को मजबूर कर रही है कि आखिर अंतिम फैसला किस पर किया जाएं।
आरएसएस की भूमिका भी रहेगी अहम
माना जा रहा है कि महापौर बनाने में आरएसएस की भूमिका अहम रहने वाली है। ऐसे में विहिप नेता जेठानंद व्यास भी अपने भाई की पत्नि सुधा व्यास के लिये महापौर का दावा पेश कर सकते है। यदि आरएसएस की ओर से कोई नाम पर भाजपा मंथन करती है तो सुधा व्यास व मधु सोनी को भी महापौर के लिये कम नहीं आंका जा सकता।




