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रीट रद्द करने में दो मिनट लगते हैं:हर गलती कीमत मांगती है, जिसने गलती की, उसे कीमत चुकानी पड़ेगी

जयपुर । रीट पेपर लीक मामले में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारौली की बर्खास्तगी और दो एसोसिएट प्रोफेसर्स के सस्पेंशन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई और आरोपियों पर कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। गहलोत ने कहा कि इसमें कोई व्यक्ति विशेष की बात नहीं है। आपराधिक लापरवाही भी कार्रवाई का बहुत बड़ा कारण होता है।गहलोत ने कहा कि हर गलती कीमत मांगती है। 20 साल पहले मैं मुख्यमंत्री बना तो मेरे इस सेंटेंस को एक मैग्जीन ने कोट भी किया था। हर व्यक्ति की जिंदगी में हर गलती हर क्षेत्र में कीमत मांगती है, इसलिए जिसने गलती की उसे कीमत चुकानी पड़ेगी। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पेपर लीक मामले में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।गहलोत ने कहा हर राज्य के अंदर ऐसी गैंग बन चुकी है। बिहार, यूपी के अलावा मध्यप्रदेश में भी व्यापमं घोटाले की गैंग बनी। ये गैंग देश में बेरोजगारी के कारण बन रही है। आज लोग नौकरी के लिए तरस रहे हैं। इसमें भयंकर करप्शन हो रहा है। राजस्थान सरकार ने भनक लगते ही एक्शन लेकर एसओजी को जिम्मेदारी सौंपी। जिसने बहुत कम समय में वो कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी।
नेता प्रतिपक्ष ने एसओजी की जांच की तारीफ की थी
गहलोत ने कहा कि कल नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी एसओजी की जांच की तारीफ की थी। मैं समझता हूं कि थोड़ा इंतजार करना चाहिए। हमने एक्शन लेकर कई लोगों को बर्खास्त और सस्पेंड किया है। कुछ और लोगों के नाम आए और उनसे पूछताछ हुई है। धीरे-धीरे जांच आगे बढ़ेगी। जब कन्फर्म होगा कि उन लोगों के कारण ही सब कुछ हुआ है, तो उन्हें बर्खास्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
आगामी विधानसभा सत्र में बिल लेकर आएंगे
बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौल के अलावा बोर्ड सचिव आरएएस अरविंद कुमार सेंगवा, सहायक निदेशक एचआरडी और गणित के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुभाष यादव और प्रशासन शाखा में लगे केमिस्ट्री के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बीएस बैरवा को सरकार ने निलंबित किया है।
गहलोत ने कहा प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट पूर्व जज की कमेटी बनाई गई है, ताकि भविष्य में ऐसी नौबत न आए। सरकार अगले विधानसभा सत्र में नकल और पेपर लीक मामलों के खिलाफ सख्त कानूनी प्रावधान करने के लिए बिल लेकर आ रही है। जिससे किसी की ऐसी हरकतें करने की हिम्मत नहीं हो।
जांच, दोबारा परीक्षा कराने के फैसले में 2 मिनट लगता है
गहलोत ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि यह लाखों बेरोजगारों के भविष्य का सवाल है, इसलिए वह ऐसा सुझाव दे जिससे भविष्य में ऐसी नौबत न आए। केवल आलोचना करना, सीबीआई जांच मांग करना, दोबारा परीक्षा कराने की बात कहना तो बहुत आसान है। इसका फैसला करने में भी 2 मिनट लगता है, लेकिन उसका रिजल्ट क्या होगा, एग्जाम खिसक जाएंगे तो वापस कब शुरू होंगे। बाकी भर्तियां भी रुक जाएंगी। प्रदेश सरकार ने 1 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरियां दे दी हैं। 90 हजार से ज्यादा की नौकरियों का प्रोसेस चल रहा है। क्या उन भर्तियों को रोक दिया जाए?
25 लाख बच्चों का भविष्य दांव पर है
गहलोत ने कहा कि क्रश्वश्वञ्ज परीक्षा में 25 लाख बच्चों का भविष्य दांव पर लगा है। 15-16 लाख बच्चों ने एक्जाम दिया है, उन पर क्या बीत रही होगी। कुछ केन्द्रीय मंत्री, राज्य में बड़े पदों पर बैठे बीजेपी नेता बिना विचार कुछ भी बोल जाते हैं, जिससे बच्चे डिमोरलाइज और कन्फ्यूज होते हैं।
गहलोत ने पेपर लीक और परीक्षाओं में भ्रष्टाचार का बड़ा कारण बेरोजगारी को बताया। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाया कि वह ऐसे हालात बनाना चाहते हैं, जिससे आगे की भर्तियां इस बहाने रुक जाएं। उन्होंने कहा बीजेपी राज में भी पेपर आउट हुए थे। कांग्रेस ने आंदोलन भी किए,लेकिन तब क्या कार्रवाई हुई, जबकि कांग्रेस सरकार ने गम्भीरता से जांच शुरू की और आरोपी पकड़े गए हैं।

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