लगा ले शर्ते ओ जीत रहयो है………….
बीकानेर। नगर निकाय चुनाव निबटने के बाद रविवार को दिनभर उम्मीदवारों की जीत हार की चर्चाओं और कयासों का दौर जारी रहा। बाजार बंद होने के कारण लोग फुरसत में थे। चौराहों, नुक्कड़ों और चाय पान की दुकानों पर लोगों के बीच चर्चा का एक ही विषय था कि निकाय चुनाव में कौन उम्मीदवार किस नंबर पर रहने वाला है। कौन जीत रहा है कौन हार रहा है? कई जगह लोग जीत हार की शर्त भी लगाते दिखे।मतदान के बाद कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली। अधिकतर उम्मीदवार आज दिन भर खूब सोए और आराम किया। एक पखवाड़े से चुनाव प्रचार में जुटे कार्यकर्ताओं ने भी खूब आराम किया। किसी ने अपने परिवार के साथ दिन बिताया तो किसी ने फिल्म देखकर समय गुजारा। अधिकतर लोग आज टीवी से चिपके रहे।
मतदान के बाद करीब-करीब सभी उम्मीदवारों के चुनाव कार्यालयों पर सन्नाटा पसरा नजर आया। शाम को कुछ उम्मीदवारों ने अपने विश्वस्त कार्यकर्ताओं के साथ बैठ कर चुनावी स्थिति पर चर्चा की। कम मतदान को लेकर अधिकतर उम्मीदवारों के माथे पर चिंता की लकीरें देखी गईं लेकिन कार्यकर्ता दावा कर रहे थे कि कम मतदान के बावजूद आप की जीत पक्की है। इसको लेकर कार्यकर्ता कुछ इस तरह तर्क दे रहे थे कि उम्मीदवारों को उम्मीदों को पंख लग गए।गली मुहल्लों में यह भी चर्चाएं आम रहीं कि यदि उनका उम्मीदवार जीत जाता तो शायद उनके मोहल्ले की दशा सुधर जाती। मतदान के पहले लोग जितना उत्साहित नहीं थे उससे ज्यादा तो परिणाम जानने का उत्साह था।
जातिगत वोटों का बिखराव
जातिगत वोटों के बिखराव से दुविधा की स्थिति है। कुछ को छोड़ अधिकांश जातियों में मतों में सेंधमारी से संघर्ष के आसार प्रबल हैं। प्रत्याशियों व समर्थकों द्वारा जातिगत वोटों के ध्रुवीकरण की तमाम कोशिशों के बावजूद मतदाताओं ने स्वच्छंद रूप से रिकॉर्ड मतदान कर सियासत की कूटनीतिकारों को हैरान कर दिया है। ऐसे में चुनाव परिणाम अप्रत्याशित होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
नगर की सरकार को लेकर अटकलें शुरू
मतदान के बाद ऐसा लग रहा था कि राजनीतिक सरगर्मियां थोड़ी कम हो जाएगी, लेकिन जो परिदृश्य देखने को मिल रहा है उससे इस स्पष्ट है कि लोगों में चुनावी बुखार नगर की सरकार बनने तक रहेगा। मतदान के दिन से ही इस प्रकार की अटकलें शुरू हो गई है कि नगर निगम में महापौर व पार्षद कौन बनेगा। लोग मतदान के बाद प्रतिशत के आधार पर हार-जीत की समीक्षा करना शुरू कर दिए है।
महिलाएं भी परिणाम को लेकर उत्साहित
चुनाव मैदान में इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या ज्यादा है इसलिए महिलाओं में भी परिणाम के प्रति कुछ ज्यादा ही उत्साह नजर आ रहा है। यहां तक महिलाएं भी राजनीतिक चर्चा कर रही है। इस राजनीतिक चर्चा में अधिकारी कर्मचारी वर्ग के लोग भी शामिल होने लगे हैं ।