
कानून व्यवस्था को लेकर आज मुख्यमंत्री गहलोत लेंगे समीक्षा बैठक






जयपुर। प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराधों ने प्रमुख विपक्षी दल भाजपा को बैठे-बिठाए सरकार को घेरने का मुद्दा दे दिया है। बढ़ते अपराधों को लेकर भाजपा लगातार सरकार सरकार पर हमलावर है। अलवर मूक बधिर दरिंदगी सहित ऐसे कई घटनाएं प्रदेश में हुई है जिससे सरकार की किरकिरी हुई है।
ऐसे में प्रदेश में बढ़ते अपराधों की रोकथाम और कानून व्यवस्था को मजबूत करने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज कानून व्यवस्था की समीक्षा करने जा रहे हैं। शाम 4:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रस्तावित बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों की क्लास लेंगे। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना गाइड लाइन की पालना को लेकर चर्चा करेंगे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक में गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव, मुख्य सचिव निरंजन आर्य और पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर और गृह विभाग के प्रमुख अधिकारी शामिल होंगे।
अपराधियों के खिलाफ सख्ती बरतने के निर्देश देंगे मुख्यमंत्री
बताया जाता है कि आज शाम 4:30 बजे प्रस्तावित बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तमाम जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अपराध और अपराधियों खिलाफ सख्ती बरतने और कड़ी से कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश देंगे। साथ ही खनन माफियाओं, भू माफियाओं और मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के निर्देश दे सकते। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिन जिलों में अपराधों की संख्या ज्यादा बढ़ रही है उन जिलों का रिपोर्ट कार्ड भी पुलिस अधीक्षकों से लेंगे।
आईपीएस की तबादला सूची से पहले समीक्षा बैठक अहम
सूत्रों की मानें तो आईपीएस अधिकारियों की आने वाली तबादला सूची से पहले आज होने वाली बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि बैठक के बाद जिन जिलों की रिपोर्ट से मुख्यमंत्री खुश नहीं होंगे उन जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बदल जा सकता है।
कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष के निशाने पर सरकार
इधर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराध और दुष्कर्म के मामलों को लेकर गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर हैं। विपक्ष प्रदेश में कानून व्यवस्था फेल होने का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सरकार के खिलाफ हल्ला बोल कर कर रहा है।
हाल ही में अलवर मूकबधिर दरिंदगी मामले में राजस्थान की पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं होने का मामला उठाते हुए विपक्ष ने सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी, जिस पर मुख्यमंत्री गहलोत ने भी इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया है।


