
राजस्थान में बढ़ते ओमिक्रोन के बीच चिंता की खबर





जयपुर: प्रदेश में कोरोना के बढ़ते केस के बीच “ओमिक्रोन” वेरियंट के कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा पैदा हो गया है. राजस्थान में अब तक चिकित्सा विभाग ने 174 मरीजों में ओमिक्रोन वेरियंट की पुष्टि की है, जिसमें से करीब 40 फीसदी मरीज ऐसे है, जिसके बारे में अभी तक ये पता नहीं लग पाया है कि उन्हें संक्रमण कैसे हुआ. विभागीय टीमों को स्क्रीनिंग के दौरान न तो कोई कांटेक्ट हिस्ट्री मिली और न ही मरीजों को कोई मूमेंट. ऐसे हालात में खुद एक्सपर्ट मान रहे है कि “ओमिक्रोन” वेरियंट के कम्युनिटी में फैल चुका है.
देश-दुनिया में खौफ का दूसरा नाम बन चुके कोरोना के ओमिक्रोन वेरियंट केस राजस्थान में थमने का नाम नहीं ले रहे है. चिकित्सा विभाग ने दिसम्बर के पहले सप्ताह में ओमिक्रोन के नौ केस मिलने की पुष्टि की थी. इसके बाद से लेकर अब तक कुल 174 मरीजों में ओमिक्रोन वेरियंट मिल चुका है. हालांकि, चिकित्सा विभाग की माने तो इसमें से 88 से अधिक केस रिकवर भी हो चुके है. लेकिन चिंता इस बात को लेकर है कि इन पॉजिटिव मरीजों में से 66 मरीज ऐसे है, जिसके बारे में अभी तक भी ये पता नहीं चल पाया है कि उन्हें यह संक्रमण किसने दिया. चौंकाने वाली बात ये है कि विभाग की 3 जनवरी की रिपोर्ट के मुताबिक सात ओमिक्रोन के वे मरीज चिन्हित किए गए, जो कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सम्पर्क में आए. यानी कि सिर्फ पॉजिटिव मरीजों के सम्पर्क में आने से ही वो ओमिक्रोन के शिकार हो गए. इसी दरमियान राजस्थान और खासतौर पर जयपुर में एकाएक केस बढ़े है, जिसको देखते हुए खुद एक्सपर्ट भी मान रहे है कि कम्यूनिटी में भी संक्रमण फैल गया है.
राजस्थान में ओमिक्रोन AT-A-GLANCE
प्रदेश में अब तक कुल 174 मरीजों में ओमिक्रोन की पुष्टि
इन मरीजों में से 36 ऐसे, जो लौटे है विदेश यात्रा से
50 मरीज वे, जो ओमिक्रोन मरीजों के सम्पर्क में आकर हुए संक्रमित
66 मरीज किए गए चिन्हित, जिनमें नहीं मिली कोई भी कांटेक्ट हिस्ट्री
इन्हीं मरीजों के बाद राजधानी में लगातार बढ़ रहे कोरोना के केस
राजस्थान और खासतौर पर जयपुर में लगातार बढ़ रहे कोरोना के केस ने कम्युनिटी स्प्रेड के संकेत दे दिए है. राजधानी में बढ़ते केस को देते हुए एक्सपर्ट का तर्क है कि संक्रमण की दर जब हो जाए पांच फीसदी से अधिक, तो पूरे इलाके में माना जाता है कम्युनिटी में स्प्रेड हालांकि, बड़ी राहत ये कि ”इस दरमियान नहीं बढ़ा हॉस्पिटलाइजेशन” सबसे बड़ा उदाहरण है राज्य का डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल RUHS, जहां अभी तक 38 मरीज ही भर्ती है. चिकित्सकों का मानना है कि ओमिक्रोन स्पेड तो अधिक कर रहा है, लेकिन मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं देखे जा रहे है


