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14 साल बाद सूर्य पूजा का संयोग:26 दिसंबर को पौष महीने में भानू सप्तमी का संयोग

पौष महीने में सूर्य पूजा का बहुत महत्व है। ग्रंथों के मुताबिक इस महीने सूर्य को भग रूप में पूजना चाहिए। रविवार को सप्तमी तिथि होने से भानु सप्तमी का योग बनता है, लेकिन पौष महीने में ऐसा संयोग कम ही बनता है। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि इस बार 14 साल बाद ये संयोग 26 दिसंबर, रविवार को बन रहा है। इससे पहले 30 दिसंबर 2007 को ऐसा हुआ था जब रविवार को पौष महीने के कृष्णपक्ष की सप्तमी थी। अब 3 साल बाद 22 दिसंबर 2024 में ऐसी स्थिति बनेगी।

उगते सूरज को अर्घ्य दें
पूजा विधि: सूर्योदय से पहले नहाने के बाद तांबे के लोटे में शुद्धजल भर लें। उसके साथ ही लोटे में लाल चंदन, लाल फूल, चावल और कुछ गेहूं के दाने भी डाल लें। ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र बोलें और उगते हुए सूरज को इस लोटे का जल चढ़ाएं। इसके बाद भगवान भास्कर को नमस्कार करें। गायत्री मंत्र का जाप करें और हो सके तो आदित्य हृदय स्तोत्र का भी पाठ करें। इसके अलावा भगवान सूर्य के 12 नामों का जाप भी कर सकते हैं।

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