
डॉ. मीनाक्षी गोम्बर का काला कारनामा, डैमेज कर दी पेट की आंतें, खतरे में महिला, मुकदमा दर्ज






– एएमजेएम संख्या 1 बीकानेर न्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता को देखते दिए मुकदमा दर्ज करने के आदेश
– लालच में आशीर्वाद नर्सिंग होम की डॉक्टर मीनाक्षी कर रही है सिजेयिरन डिलीवरी
– रुपयों के लालच में की सिजेरियन डिलेवरी, बिगड़ी हालत, अब कर रही है जीवन से संघर्ष
खुलासा न्यूज, बीकानेर। सरकार के आदेश के बाद भी बीकानेर में प्राइवेट हॉस्पिटलों में नॉर्मल से ज्यादा सिजेरियन डिलिवरी करवाई जा रही हैं। सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन का ग्राफ घटा है। चिकित्सक इसे प्राइवेट हॉस्पिटलों की सोच और लालच को जिम्मेदार मानते हैं। नयाशहर थाना क्षेत्र में स्थित आशीर्वाद नर्सिंग हॉस्पीटल में ज्यादातर सिजेरियन डिलवरी ही करवाई जा रही है।
डॉ. मीनाक्षी गोम्बर का काला कारनामा सामने आया है। डॉ. गोम्बर ने रुपयों के लालच में नॉर्मल डिलेवरी की बजाय सिजेरियन डिलेवरी कर दी जिससे महिला की तबीयत बिगड़ गई। हालत बिगडऩे पर कोरोना का बहाना बनाकर बीकानेर पीबीएम रेफर कर दिया। यहां स्थिति में सुधार नहीं होने पर डॉक्टर्स ने जयपुर रेफर कर दिया। फिलहाल महिला जीवन से संघर्ष कर रही है। प्रकरण की गंभीरता को देखते एएमजेएम संख्या 1 बीकानेर न्यायालय ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए है। नयाशहर पुलिस ने डॉ. मीनाक्षी गोम्बर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।
यह है पूरा मामला
तेलीवाड़ा चौक में रहने वाले राजेश बागड़ी पुत्र देवकिशन बागड़ी ने बताया कि उसकी पत्नी सुलेखा बागड़ी को गर्भावस्था के छठे माह में 26 मई 2021 को डॉ. मीनाक्षी गोम्बर से चेकअप करवाया था। इसदौरान डॉ. गोम्बर ने पत्नी व बच्चे को बिल्कुल स्वस्थ होना बताया और 21 अगस्त को डिलेवरी डेट दी । इसके बाद 12 अगस्त को उसकी पत्नी परिवार की महिला सदस्यों के साथ डॉ. गोम्बर के पास गई तो डॉ. ने कहा कि कल ही सिजेरियन डिलेवरी करानी पडग़ी वरना जज्चा-बच्चा दोनों को खतरा हो जाएगा, इसलिए डिलेवरी डेट का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। ऐसे में डॉ. मीनाक्षी ने डरा-धमकाकर परिजनों से सहमति लेकर 13 अगस्त को सिजेरियन डिलेवरी करवा दी। परिवादी की पत्नी की का पुत्र हुआ। इसके बाद उसकी पत्नी बागड़ी के पेट में भंयकर दर्द शुरू हो गया और हालत बिगड़ गई। ऐसे में डॉ. मीनाक्षी गोम्बर ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। परिजनों की गुहार के बाद भी डॉ. मीनाक्षी ने संज्ञान नहीं लेने की वजह से महिला की हालत बिगड़ती गई। काफी समय बाद डॉ. मीनाक्षी महिला के पास पहुंची और आते ही कोरोना होने का कहकर पीबीएम रेफर कर दिया। पीबीएम जांच करवाने पर कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आयी और स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ तो महिला को जयपुर भर्ती करवाया गया। जहां पर महिला की जांचे की गयी तो पता चला कि सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट की आंते डेमेज कर दी गयी है। जिसके कारण पूरे शरीर में गंदा पानी फैल गया। जिस पर पुन: ऑपरेशन किया गया और महिला अब भी बेड रेस्ट पर है। । इस सम्बंध में परिवादी राजेश बागड़ी ने सुनवाई नहीं होने पर न्यायालय की शरण ली। परिवादी की तरफ से अधिवक्ता हनुमान सिंह पडि़हार ने पैरवी की। जिस पर न्यायालय ने पुलिस को धारा 336,337,338 के तहत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए है।


