कोरोना के खतरे के बीच डॉक्टरों का कार्य बहिष्कार, कहीं ला ना दे नई मुसीबत
खुलासा न्यूज,बीकानेर। नीट पीजी काउंसलिंग में देरी का विरोध कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर्स पिछले 10 दिनों से हड़ताल पर हैं। अपने आंदोलन को तेज करते हुए उन्होंने अब इमरजेंसी सेवाओं का बहिष्कार भी शुरू कर दिया है। अपनी मांगों को लेकर रेजीडेंट डॉक्टर्स कई बार सरकार के आला अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन उनकी मांगों पर अभी कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा है।
रेजीडेंट डॉक्टर्स ने चार दिन पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर उन्हें 8 सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा था, साथ ही चेतावनी दी थी कि उनकी मांगों पर सरकार की ओर से लिखित में आश्वासन नहीं दिया गया तो वे सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे। जिसके बाद सोमवार रात से रेजिडेन्टस हड़ताल पर चले गये। हड़ताल कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का व्यापक असर पीबीएम अस्पताल पर साफ दिखाई दिया। जहां ओपीडी बंद करने के साथ ही अन्य सेवाएं जैसे ऑपरेशन थिएटर व वार्ड संबंधी सेवाएं भी पूरी तरह ठप्प रहीं। जिसके चलते मरीज काफी परेशान हुए और एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तिमारदार उन्हें लेकर साफ भागते दिखाई दिए। इमरजेंसी में गंभीर मरीजों को लिया तो जा रहा है लेकिन तनिक सा भी आराम होने पर उन्हें वार्ड में शिफ्ट करने की बजाय अन्यत्र भेजा दिया जा रहा है। कहने को सीनियर डाक्टरों ने मोर्चा संभाल रखा है किन्तु हड़ताल से अस्पताल की सेवाएं अलकान हुई है। इस बीच हड़ताली चिकित्सकों ने प्रदर्शन कर अपनी मांगे निस्तारित करने की गुहार सरकार से लगाई है।
यह हैं मांगें
नीट पीजी काउंसलिंग में देरी ना हो, इसके लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने, एडमिशन बैच 2019-20 के डॉक्टर्स को पेपर प्रजेंटेशन, पोस्टर व थीसिस सबमिट करने में अधिक समय देने, रेजिडेंट चिकित्सकों से भामाशाह और चिरंजीवी योजना संबंधित अतिरिक्त कार्य ना करवाया जाए, वेतन आहरण संबंधित मामलों का निस्तारण, पीजी के बाद तीन इंक्रीमेंट देने, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में 2019 के बैच की फीस विसंगति को दूर करने, सीनियर रेजिडेंसी सीटें उपलब्ध कराने की मांगें राज्य सरकार से की गई है।