
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे से अच्छी खबर रुकेगा जनसंख्या विस्फोट, भारत की घटेगी आबादी






नई दिल्ली। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे से देश के लिए चिंता बनी बढ़ती आबादी पर रोक लगने और धीरे-धीरे जनसंख्या में कमी की अच्छी खबर सामने आई है। सर्वे के परिणामों में यह भी बताया गया है कि भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या बढऩे लगी है। लोगों में बेटे के प्रति मोह कम होने लगा है अब देश में प्रति एक हजार पुरुषों की तुलना में 1020 महिलाएं है। इससे पूर्व 2015-16 में प्रति 1000 पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या 991 थी। लिंगानुपात की बात करे तो पूर्व में 1000 पुरुषों पर महिलाएं 919 जो अब 1000 पर 929 हो गई है।
सर्वे में भारत की जनसंख्या के लिए अच्छी खबर बताई गई है कि भारत में प्रजनन दर 2.2 से घट कर 2 रह गई है। इसका मतलब है कि एक महिला अपने जीवन में औसत दो ही बच्चों को जन्म दे रही है। 1947 में भारत की प्रजनन दर 5.6 थी जो 1961 में 5.91 हो गई। इससे अनुमान लगाया जा रहा है भविष्य में जनसंख्या वृद्धि रुक जायेगी और धीरे-धीरे आबादी घटने लगेगी। यह कोई जल्दी होने वाली घटना नहीं है बल्कि 2100 में भारत की आबादी 110 करोड़ रह जायेगी।
दुनिया में सभी देशों में प्रजनन दर कम हो रही है अनेक देश ऐसे है जहां महिलाएं एक भी बच्चा नहीं चाहती जापान में लगातार प्रजनन दर घटने से अनुमान है कि 2100 में जापान की आबादी 12.80 करोड़ से घटकर 5.30 रह जायेगी। उल्लेखनीय है कि सर्वधिक शतायु स्त्री पुरुष है यही नहीं इटली में 2017 में 6.10 करोड़ थी जो 2100 में 2.80 करोड़ हो जायेगी। यहीं नहीं वर्तमान में दुनिया का आबादी के हिसाब से दुनिया का नंबर एक देश चीन 2100 में भारत से पिछड़ जायेगा और वहां की आबादी कम होकर 73 करोड़ रह जायेगी। चीन में वर्तमान प्रजनन दर दुनिया में सबसे कम 1.42 है। इस दर से चीन की आबादी आधी हो जायेगी।
सर्वे में यह भी बताया गया है कि भारत में निम्नवर्ग में प्रजनन दर 3.2 है मध्य वर्ग में 2.5 और उच्च वर्ग में 1.2 है। इस रफ्तार से भारत में जनसंख्या घटने में लंबा वक्त लगने वाला है।


