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जिला कलेक्टर के मनमाने आदेश, लो अब प्रिंसिपल बाटेंगे यूरिया

जयपुर। सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य अब स्कूल की जगह किसानों को यूरिया डीएपी वितरित करते हुए नजर आए तो कोई आश्चर्य नहीं क्योंकि अब उन्हें यह काम भी करना होगा। जी हां, ये मनमाने आदेश जारी किए हैं सवाई माधोपुर जिला कलेक्टर राजेंद्र किशन ने। जिला कलेक्टर की ओर से जारी किए गए आदेशों के मुताबिक जिले के सरकारी स्कूलों में पदस्थापित प्रधानाध्यापकों और प्रधानाचार्यों को क्रय विक्रय सहकारी समिति, ग्राम सेवा सहकारी समितियों के साथ ही निजी विक्रेताओं की ओर से उर्वरक वितरण कार्य पर निगरानी करनी होगी साथ ही निर्धारित दर पर यूरिया, डीएएपी का वितरण किसानों को करवाना होगा। जिला कलेक्टर ने प्रधानाध्यापकों और प्रधानाचार्यों की ड्यूटी कृषि पर्यवेक्षक, पटवारी, गिरदावर, ग्राम विकास अधिकारी के साथ इस काम में लगाई है।सवाई माधोपुर जिला कलेक्टर के इस आदेश का शिक्षकों ने विरोध किया है। राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विपिन शर्मा ने कहा कि शिक्षकों की ड्यूटी हमेशा इसी प्रकार मनमाने तरीके से लगाई जाती है। इस बार स्कूल के संस्था प्रधान की ड्यूटी लगा दी गई है। जब स्कूल का संस्था प्रधान ही स्कूल में नहीं होगा तो पूरी शिक्षण व्यवस्था चौपट हो जाएगी। संस्था प्रधान का दायित्व स्कूल की व्यवस्था बनाए रखना है ना कि किसानों को खाद वितरित करना, जिला कलेक्टर को इन आदेशों को वापस लेना चाहिए।
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि शिक्षकों की ड्यूटी इस प्रकार गैर शैक्षणिक कार्य में लगाई गई हो। शिक्षकों को बतौर बीएलओ तो काम करना ही पड़ता है साथ ही कभी उनकी ड्यूटी जनसंख्या, कभी मतगणना के काम में तो कभी कोविड काल में शिक्षकों की ड्यूटी अस्पतालों में सिलेंडर की व्यवस्था करने और श्मशान घाट में लगाई जा चुकी है। इस बार इस ड्यूटी में अध्यापन करवाने वाले शिक्षक की जगह संस्था प्रधान की ड्यूटी लगा दी गई है।
नहीं लगा सकते गैर शैक्षणिक कार्य में ड्यूटी
गौरतलब है कि शिक्षकों की ड्यूट किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य में नही लगाई जा सकती। इस संबंध में समय समय पर कई बार आदेश भी जारी किए गए हैं। गत वर्ष जून में भी सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे। उस दौरान कई स्थानों पर शिक्षकों की गैर शैक्षिक कार्यों में ड्यूटी लगाए जाने के प्रकरण आए थे।
शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को खुद उन ड्यूटियों को निरस्त करने के निर्देश देने पड़े थे। इसके बाद तत्कालीन मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे। इसके अनुसार शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के संबंध में जारी राजकीय निदेर्शों के अतिरिक्त अन्य गैरण्शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगायी जाए। उन्होंने इन आदेशों की कठोरता से पालना करने के भी निर्देश दिए हैं।
यह कार्य भी करते हैं शिक्षक
चुनाव कार्य, जनगणना,आर्थिक सर्वे,राशन कार्ड सत्यापन,,बीपीएल सर्वे, मिड डे मील वितरण,पोलियो उन्मूलन अभियान ड्यूटी,छात्रवृत्ति वितरण,कोरोना ड्यूटी।

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