बीकानेर जेल में कार्यरत स्वामी ने आरएएस पास करवाने के नाम पर 10 लाख की कि ठगी

बीकानेर जेल में कार्यरत स्वामी ने आरएएस पास करवाने के नाम पर 10 लाख की कि ठगी

बीकानेर। आरएएस परीक्षा पास करवाकर सलेक्शन करवाने के नाम पर 10 लाख रुपए झांसा देकर ठग लिए। परीक्षा में फेल होने पर रुपए वापस नहीं मिले तो पीडि़त ने उद्योग नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। एएसआई प्रभू सिंह को मामले की जांच सौंपी गई है। जांचधिकारी ने बताया कि रामस्वरूप सैनी निवासी शिवसिंहपुरा ने मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि 2008 में नरेंद्र स्वामी पुत्र केशरदेव स्वामी ने कहा कि तुमने आरएएस की परीक्षा दी है। उसने कहा कि मेरी काफी अच्छी पहचान है। तुम्हारा एग्जाम पास करवा दूंगा। उसने 15 लाख रुपए परीक्षा पास करवाने की एवज में मांगे। तब रामस्वरूप ने 10 लाख रुपए देने की बात कहीं। दोनों के बीच में 10 लाख रुपए में बात तय हो गई। तब उसने पांच लाख रुपए दे दिए। कुछ दिनों के बाद उसने 5 लाख रुपए दे दिए। 2009 में आरएएस परीक्षा का रिजल्ट घोषित हुआ तो वह फेल हो गया। उसने फेल होने की बात नरेंद्र स्वामी को बताई। तब उसने कहा कि 6 महीने में संशोधित लिस्ट भी आएगी। उस लिस्ट में सिलेक्शन हो जाएगा। इसके बाद रामस्वरूप ने संशोधित लिस्ट का 6 माह तक इंतजार किया। उसके बाद भी लिस्ट नहीं आई तो उन्होंने दोबारा से लिस्ट के बारे में कहा। 6 महीने के बाद भी संशोधित लिस्ट का पता नहीं लगा। तब नरेंद्र स्वामी ने कहा कि उसका परिचित का रिटायरमेंट हो गया। इसके बाद उसने झांसा देकर कहा कि वह पटवारी की परीक्षा के लिए आवेदन कर दें। उसने कहा कि भाई का भी एग्जाम के लिए आवेदन करवा देना। उसने दोनों भाईयों को परीक्षा उत्तीर्ण कराने के लिए कहा। दोनों भाईयों ने पटवारी परीक्षा के लिए आवेदन कर दिया। परीक्षा का रिजल्ट आने पर दोनों भाई फेल हो गए। इसके बाद वे नरेंद्र के पास रुपए लेने के लिए गए। वहां पर नरेंद्र नहीं मिला। उन्होंने पूछताछ की तो पता लगा कि वह बीकानेर चला गया है। वह बीकानेर जेल में कार्यरत है। काफी दिनों तक रुपए वापस नहीं मिले तो उन्होंने उद्योगनगर थाने में ठगी का मुकदमा दर्ज कराया है। बताया जा रहा है कि फिलहाल नरेंद्र स्वामी अजमेर सेंट्रल जेल में कार्यरत है

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