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गठरी में मिले शव, कांप उठे हाथ : शव DNA टेस्ट के बाद मिले, मची चीत्कार

बाड़मेर के बस हादसे में जिंदा जले 12 लोगों में से 8 लोग पूरी तरह से कंकाल में तब्दील हो चुके थे। डीएनए टेस्ट के बाद पहचान में भी तीन दिन लग गए। शनिवार को शव कपड़े की गठरी में बांधकर परिजनों को दिए गए। ये दृश्य विचलित करने वाला था। परिजनों के कांपते हाथ यह बोझ नहीं उठा पा रहे थे। पूरा अस्पताल चीत्कार में तब्दील हो गया। मारवाड़ में इस अनहोनी ने सबको विचलित कर रखा है।

जीते जी जिन्हें नाम से बुलाया जाता था मौत के बाद उनकी पहचान भी सिर्फ नम्बर से रह गई। मॉर्च्यूरी से सफेद कपड़े में बंधी गठरी पर लिखे नम्बर बोल कर परिजनों को शव सुपुर्द किए जा रहे थे। बेसुध परिजन गठरी में अवशेष देख सन्न थे। कांपते हाथों से पोटली को अपने गांव ले जाने को बेबस परिजनों का कहना था कि घर पर इंतजार करने वालों को क्या अंतिम दर्शन करवाएंगे। किसी की मां तो किसी की बेटी पोटली में बंधी थी। जले हुए कंकाल के रूप में अपनों को देखने की हिम्मत जुटा पाना भी उनके लिए आसान नहीं था।

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