
मंत्रिपरिषद फेरबदल-विस्तार कवायद, गहलोत अपना सकते है बघेल मॉडल,जानिए कैसे आजमाया जायेगा






जयपुर। बघेल मॉडल पर राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल विस्तार और सियासी नियुक्तियां होगी. तकरीबन 20 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया जाएगा। इन्हें मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के साथ अटैच करके मंत्री पद का दर्जा दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ मॉडल के तहत ही विधायकों को विभिन्न आयोगों बोर्ड का चेयरमैन बनाया जाएगा। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेंद्र बघेल ने अपनी सरकार को निर्विघ्न चलाने के लिए जो फॉर्मूला अपनाया गया था उसे राजस्थान में सीएम गहलोत अपना सकते हैं। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने फॉर्मूले के तहत विधायकों को मंत्री और चेयरमैन बनाया है। आखिर क्या है फॉर्मूला आपको बताते हैं।
–क्या है बघेल मॉडल–
– बघेल ने छत्तीसगढ़ सरकार में 15 विधायको संसदीय सचिव बनाए था
– इन्हें सीएम और कैबिनेट मंत्रियों के साथ अटैच करके राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया
– करीब दर्जन भर विधायकों को निगम, बोर्ड आयोग, प्राधिकरण और ढ्ढञ्ज में भी विधायकों को चेयरमैन बनाया गया
– बसना के विधायक देवेन्द्र बहादुर सिंह को छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम का अध्यक्ष नियुक्त किया गया
– विधायक कुलदीप जुनेजा को छत्तीसगढ़ राज्य गृह निर्माण मण्डल
– दुर्ग विधायक अरूण बोरा को छत्तीसगढ़ राज्य भंडार निगम
– विधायक चंदन कश्यप को छत्तीसगढ़ राज्य हस्तशिल्प विकास बोर्ड
– छह विधायकों को दो विकास प्राधिकरणों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया.
–राजस्थान में कैसे आजमाया जायेगा बघेल मॉडल—
– पायलट ग्रुप को समाहित करते हुए मंत्री बनाया जायेगा.
– जैसे टी एस सिंह देव के समर्थक बनाए गए थे.
– करीब 20 संसदीय सचिव बनाए जाएंगे.
– करीब 1 दर्जन विधायक बोर्ड, निगम, आयोग, प्राधिकरण में चेयरमैन बनाए जाएंगे.
– बीएसपी से कांग्रेस में आए विधायकों को चेयरमैन पद देने की चर्चा.
– इन्हें भी मंत्री का दर्जा प्राप्त होगा.
– पहली बार विधायक बने कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों को संसदीय सचिव बनाने की बात चल रही.
बहरहाल नई कवायद में सत्ताधारी दल के विधायक पावरफुल बने रहेंगे ! मकसद साफ है सरकार पांच साल बिना किसी आंतरिक अवरोध के चले।
राहुल गांधी की हरी झंडी का इंतजार, अगले सप्ताह लौटेंगे विदेश से
बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार, फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चल रही कवायद अब अंतिम दौर में है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अजय माकन की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी साथ हुई बैठक में जहां मंत्रिमंडल विस्तार और राजेश नियुक्तियों को लेकर चर्चा हो चुकी है तो अब राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की हरी झंडी का इंतजार इंतजार है।विश्वस्त सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अजय माकन मंत्रिमंडल विस्तार, फेरबदल राजनीतिक नियुक्तियों को फाइनल टच देने के लिए राहुल गांधी के साथ भी चर्चा करेंगे। इसके लिए अभी राहुल गांधी के विदेश से लौटने का इंतजार है, जब तक राहुल गांधी विदेश से नहीं लौटेंगे तब तक प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो सकेंगी।
अगले सप्ताह विदेश से दिल्ली लौट सकते हैं गहलोत
पार्टी सूत्रों की माने तो विदेश दौरे पर गए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अगले सप्ताह विदेश से दिल्ली लौट सकते हैं, जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी राहुल गांधी से मुलाकात के लिए दिल्ली जा सकते हैं। जहां पर राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल की बैठक हो सकती है, जिसमें राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी दी जाएगी। और उसके बाद ही प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का रास्ता साफ होगा।प्रदेश प्रभारी अजय माकन राहुल गांधी से फाइनल चर्चा के संकेत पूर्व में दे चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ होने वाले संभावित बैठक को मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है।


