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अब सरकारी स्कूल में तीन परीक्षा पास करने पर होगा पहली कक्षा में प्रवेश

जयपुर। निजी स्कूल की तर्ज पर प्रदेश के सरकारी स्कूल में भी तीन साल के बच्चों का प्रवेश हो सकेगा। जिन्हें पहले तीन प्री प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा। जिनकी परीक्षा पास करने पर उनका प्रवेश पहली कक्षा में होगा। राज्य सरकार ने पहले चरण में प्रदेश के 33 जिला मुख्यालयों पर संचालित अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्री-प्राईमरी कक्षाओं का संचालन करने की घोषणा की है। इस संबंध में शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी घोषणा की थी। अगले चरण में ब्लॉक व पांच हजार की आबादी पर खुलने वाले अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में यह नवाचार किया जाएगा। पूर्व प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम में प्रवेश की आयु 3 वर्ष होगी। यानि तीन वर्ष या उससे अधिक आयु के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। प्रत्येक खंड में विद्यार्थियों की संख्या 25 होगी। विद्यालयों के लिए शिक्षकों का चयन वर्तमान में कार्यरत लेवल 1 अध्यापकों में से वॉक इन इंटरव्यू के जरिए किया जाएगा। पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में आरएससीईआरटी की ओर से विशेष रूप से तैयार पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। फिलहाल सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कक्षा एक से कक्षाओं का संचालन किया जाता है।
चार घंटे चलेंगी कक्षाएं
पूर्व प्राथमिक कक्षाएं प्रतिदिन 4 घंटे और सप्ताह में पांच दिन संचालित होंगी। उन्होंने बताया कि पूर्व प्राथमिक कक्षाओं का संचालन महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के वर्तमान भवन में किया जाएगा। अतिरिक्त कक्षा-कक्ष की आवश्यकता होने पर विद्यालयवार अलग से भवन निर्माण किया जाएगा। शिक्षा विभाग का दावा है कि अंग्रेजी माध्यम में राजकीय विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक कक्षाओं का संचालन करने वाला वर्तमान में देश का एकमात्र राज्य बन गया है।
अंग्रेजी माध्यमों का क्रेज बढ़ा तो सरकार ने बढ़ाए कदम
अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश को लेकर आमजन में काफी उत्साह देखने को मिला। अलवर, जयपुर, जोधपुर, कोटा व सीकर सहित कई जिलों के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में एक-एक सीट के लिए 25 से 40 विद्यार्थी दौड़ में रहे। सरकार ने जनता के मिजाज को भांपते हुए छोटी कक्षाओं का संचालन भी अंग्रेजी माध्यम में करने का निर्णय लिया।
सरकारी स्कूलों में और रफ्तार से बढ़ेगा नामांकन
नजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भी नर्सरी, केजी व एलकेजी कक्षाएं संचालित होने से नामांकन का ग्राफ और रफ्तार पकड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी स्कूलों में प्री प्राथमिक कक्षाएं नहीं होने की वजह से खासकर शहरी अभिभावक बच्चों का निजी स्कूलों में दाखिला करा देते। लेकिन अब अंग्रेजी माध्यम के साथ प्री प्राईमरी कक्षाओं के संचालन के नामांकन को लेकर लोगों में उत्साह और बढ़ेगा।
पहले तीन हजार बाद में 30 हजार को फायदा
सरकार ने पहले चरण में जिला मुख्यालय के स्कूलों में प्री प्राईमरी कक्षाओं के संचालन की बात कही है ऐसे में पहले साल अधिकतम तीन हजार विद्यार्थियों को दाखिला मिल सकेगा। बाद में ब्लॉक व अन्य अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में यह पहल शुरू होने से 30 हजार तक को फायदा मिल सकेगा।

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