
निकाय चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों के लिए खुशखबरी, मिली ये बड़ी राहत






जयपुर। अधिकतम चुनाव खर्च सीमा ढाई से तीन गुना बढ़ाकर निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों को राहत दी है। प्रत्याशी पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा खर्चा कर सकेंगे।उधर, निकाय चुनाव कराने के लिए 20 हजार कर्मचारी व 20 हजार से अधिक पुलिसकर्मी लगाए जाएंगे। 27 नवम्बर को सुबह 10 बजे से बैठक शुरू होगी। नामांकन पत्रों का प्रस्तुतीकरण सुबह 11 बजे से होगा। समीक्षा 11.30 बजे से होगी। नामांकन वापसी दोपहर दो बजे होगी। जरूरत पडऩे पर दोपहर 2.30 से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। इसके तुरंत बाद मतगणना होगी।
खास-खास
– विकलांगों को चिह्नित करेगा और मतदान स्थल तक लाने और वापस भेजने की व्यवस्था आयोग करेगा।
– पोलिंग बूथ पर मतदाता सहायता केंद्र बनेंगे।
किसका कितना खर्चा पहले और अब
खर्चा (रुपए में)—2014 —-2019
निगम प्रत्याशी —- 80 हजार—- 2.5 लाख
परिषद प्रत्याशी —-60 हजार —- 1.5 लाख
पालिका प्रत्याशी —–40 हजार — 1.0 लाख
निकाय चुनाव से पहले सरकार देख रही है अपना कम्फर्ट जोन
निकाय चुनाव से पहले सरकार हर हाल में अपने मंत्रियों और विधायकों का कम्फर्ट जोन देख रही है। ऐसे में जिलों में तैनात एडीएम, एसडीएम और अन्य अफसर तबादले के बाद एक महीने भी नहीं टिक पा रहे है और अगली तबादला सूची में उन्हें दूसरा जिला या दूसरी जगह देखनी पड़ रही है। बुधवार देर रात जारी आरएएस की तबादला सूची में भी कुछ ऐसा ही देखने के मिला जब 20 से 30 दिन में ही तबादला कर अफसरों को दूसरी जगह भेज दिया गया।
चुनाव के कारण कांग्रेसी विधायकों ने खींचे हाथ!
जानकारों की मानें तो निकाय व पंचायत चुनाव के कारण ही कांग्रेसी विधायकों ने नए अफसरों की क्षेत्र में पोस्टिंग से मना कर दिया। प्रदेश में अगले एक साल चुनाव ही चुनाव हैं। नवम्बर में निकाय, जनवरी-फरवरी में पंचायत चुनाव होंगे। कुछ महीने बाद ही बचे हुए निकायों में चुनाव होंगे। सालभर चुनाव का ही माहौल रहेगा। कांग्रेसी विधायकों के हाथ खींचने का कारण नए अफसरों से ट्यूनिंग को माना जा रहा है। दरअसल, नए अफसरों से ट्यूनिंग बैठाना आसान नहीं होता। सरकार ने कांग्रेसी विधायकों की सुनी और नए अफसरों को भाजपा विधायकों के क्षेत्र में लगाया गया।

