
नहरबंदी को लेकर आई ये खबर, शहर में इतनी नई टंकिया बनकर तैयार, फिर भी कुछ कॉलोनियों में हो सकती है परेशानी







नहरबंदी को लेकर आई ये खबर, शहर में इतनी नई टंकिया बनकर तैयार
नहरबंदी की अब तक की तैयारियों से लगने लगा कि किल्लत होनी तय है। शहर में 9 नई टंकियां बनकर तैयार हैं लेकिन अब तक एक भी नई टंकी से सप्लाई शुरू नहीं हुई। एक से दो सप्ताह में 6 नई टंकियों से जलापूर्ति की जाएगी। लेकिन बीकानेर पूर्व विधानसभा के कुछ हिस्सों में अभी भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि बीकानेर पश्चिम विधानसभा की तरफ टंकियों को जल्द शुरू किया जाएगा। इसको लेकर बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी को भी आवाज उठानी चाहिए। जिससे पूर्व के कॉलोनियों के लोगो को भी राहत मिल सके। विभाग का मानना है कि शहर के 12 टेल वाले इलाकों तक इनसे राहत पहुंचेगी। एक सप्ताह में धरणीधर, स्टेडियम और नयाशहर की टंकियों से सप्लाई एक सप्ताह में शुरू हो जाएगी। धरणीसर से रबर फैक्ट्री के आसपास के इलाकों को जोड़कर सप्लाई होगी। नयाशहर से नत्थूसरबास के टेल एरिया को राहत मिलेगी। करणीसिंह स्टेडियम में पुरानी टंकी पूरी तरह बंद हो जाएगी और नई टंकी से सप्लाई होगी। इसलिए इस टंकी से टेल को सिर्फ ये राहत मिलेगी कि अब यहां फ्लो से पानी मिलेगा। नयाशहर और धरणीधर इलाके की टंकियों का इलाका भी कम होगा। एक सप्ताह में इसका मिलान हो जाएगा। उसके अगले एक सप्ताह में महानंद, सेटेलाइट और पटेलनगर इलाके की टंकी शुरू होगी। पटेलनगर से व्यास कॉलोनी, सुदर्शना नगर के इलाके में दिक्कत दूर होगी। महानंद से नत्थूसर टंकी का इलाका कम होगा। श्रीरामसर और वार्ड 25 का इलाका कम होगा। नहरबंदी के वक्त शोभासर जलाशय के लिए गजनेर लिफ्ट और बीछवाल जलाशय के लिए कंवरसेन लिफ्ट में पानी का पौंड रखा जाता रहा है। इस बार भी अगर पानी जमा किया गया तो शहर में सप्लाई में कटौती नहीं होगी। अगर नहर से बीच में पानी नहीं मिला तो ना सिर्फ रोज होने वाली सप्लाई का समय कम होगा बल्कि एक दिन छोड़कर भी सप्लाई करने की नौबत आ सकती है। ये सब पूर्ण नहरबंदी शुरू होने से पहले ही पता लगेगा। शहर में करीब 28 टेल इलाके हैं। टेल यानी वो इलाके जो टंकी का सबसे अंतिम छोर होता है। अंतिम छोर तक पहुंचते पहुंचते पानी का फ्लो कम हो जाता है। 6 नई टंकियों से नत्थूसर इलाके की समस्या पूरी तरह दूर हो जाएगी। इसके अलावा सेटेलाइट टंकी में समस्या आती थी। पवनपुरी इलाके में भी राहत मिलेगी। मगर रानीबाजार, गंगाशहर, मुक्ताप्रसाद समेत अन्य इलाकों में समाधान करना पीएचईडी के लिए चुनौती होगी।
बीछवाल के नए जलाशय में नहीं भर सकेगा पानी
ठेकेदार की धीमी गति के कारण आखिरकार बीछवाल में दूसरे नए जलाशय में पानी नहीं भरा जा सकेगा। पीएचईडी ने नहरबंदी से पहले भरसक प्रयास किए कि तीसरे जलाशय में पानी भर लिया जाए मगर अब तय हो गया कि नहरबंदी के दौरान के लिए इसमें पानी नहीं भरा जा सकेगा। इसलिए बीछवाल में मौजूद 18 के दिन पानी से करीब 36 से 40 दिन सप्लाई करनी होगी।


