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85 फीसदी रेजीडेंट्स डॉक्टर्स ने वापस ली हड़ताल उदयपुर, झालावाड़, बीकानेर, अजमेर, जोधपुर के डॉक्टर्स ने दी सहमति

जयपुर। प्रदेशभर में बॉण्ड नीति को लेकर विरोध कर रहे रेजीडेंट्स डॉक्टर्स ने आज सरकार से वार्ता के बाद हड़ताल वापस लेने पर सहमति जता दी है। उदयपुर, झालावाड़, बीकानेर, अजमेर, जोधपुर मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट्स डॉक्टर्स ने आज मेडिकल एज्युकेशन डिपार्टमेंट के सचिव से वार्ता के बाद सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए। हालांकि एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबंधित जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट्स डॉक्टर्स (जार्ड) अब भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है। इसको लेकर जार्ड के पदाधिकारी और उनसे जुड़े रेजीडेंट्स डॉक्टर्स ने देर रात जयपुर के त्रिमूर्ति सर्किल पर धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं जार्ड ने जयपुर में कल से इमरजेंसी सर्विस को भी बंद करने की चेतावनी दी है।

धरने से पहले डॉक्टर्स ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज से त्रिमूर्ति सर्किल तक प्रदर्शन रैली निकाली। हाथों में तख्तियां और कैंडल लेकर डॉक्टर्स ने सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान जयपुर जार्ड के अध्यक्ष नीरज दामोर ने बताया कि सरकार के साथ रेजिडेंट्स के विभिन्न मुद्दो पर वार्ता के प्रयास किए गए, ताकि लंबे समय से चल रहा गतिरोध तोड़ा जा सके। लेकिन सरकार रेजिडेंट्स को विभाजित करने की राजनीति कर रही है और इस आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार बॉण्ड नीति पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करेगी, हमारी हड़ताल जारी रहेगी।

85 फीसदी डॉक्टर्स ने दी सहमति
इधर सरकार के साथ हुई वार्ता के बाद प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांगों के संबंध में सहमति बनने पर 85 फीसदी से ज्यादा रेजिडेंट्स ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा करते हुए काम पर लोटने का फैसला किया।

इन बातों पर बनी सहमति

गालरिया ने बताया कि सरकार ने बॉण्ड राशि को 25 से घटाकर 10 लाख रुपए किया गया। हालांकि सर्विस का टाइम पीरियड 2 साल पहले की तरह रखा गया।
पीजी या सुपर स्पेशियलिटी कोर्सेज करने के बाद बॉण्ड की शर्तो के अनुसार सरकार की संविदा सेवाओं पर नए सिरे से विचार हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं के निस्तारण के बाद ही किया जाएगा।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद 7 से 10 दिन के वर्किंग डे के अंदर प्रवेश बैच 2020-21 और 2021-22 के लिए एस.आर. शिप में चयन प्रणाली निर्धारित की जाएगी। इसमें ये सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी रेजीडेंट डॉक्टर्स को भी एस.आर. शिप के समान अवसर मिल सके।
कार्य बहिष्कार की अवधि को डे ऑफ या राजकीय अवकाश में समायोजित करते हुए उसका पैसा नहीं काटा जाएगा।
इन सर्विस डॉक्टरों के बॉण्ड की समय सीमा और राशि में कुछ शिथिलता देने के लिए मेडिकल हैल्थ डिपार्टमेंट को प्रस्ताव भिजवाया जाएगा।

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