
बीकानेर: करोड़ों की लागत से हटेगा 8 लाख क्यूबिक मीटर कचरे का ढेर






बीकानेर। नगर निगम के पुराने गोगागेट स्थित डम्पिंग यार्ड में लगे कचरे के ढ़ेर का निस्तारण होगा। इस कचरे के ढे़र की बायो मायनिंग होगी। पृथक्कीकरण होगा। कचरे के ढेर में पड़े रीसाईकिल कचरे को अलग किया जाएगा। इस कार्य के लिए राज्य सरकार स्तर पर निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संबंधित फर्म ने कचरे के निस्तारण के लिए आवश्यक प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी हैं। यहां प्लेटफार्म व ब्रिज बनेगा। मशीनें स्थापित होंगी। जून से कचरे के निस्तारण की प्रक्रिया प्रारंभ होने का अनुमान है। जानकारी के अनुसार गोगागेट-शिववैली डम्पिंग यार्ड में लगे कचरे के ढेर के निस्तारण के लिए 30 करोड़ 92 लाख रुपए की राशि खर्च होगी। कार्यादेश जारी हो चुके है। 18 महीने इस कार्य के पूर्ण होने की अवधि है। डम्पिंग यार्ड में पड़े कचरे की छंटाई मशीनों के माध्यम से होगी। संवेदक फर्म सुखपाल सिंह कंस्ट्रक्शन के मालिक जतिन पाल सिंह ने बताया कि इस कार्य के लिए वे ब्रिज, अर्थ मूवर साइट पर पहुंच गए हैं। कचरे की बदबू कम करने के लिए बायोकल्चर होगा। स्क्रीनिंग मशीनें 30 जून तक बीकानेर पहुंच जाएंगी। 5 जून से कचरे के निस्तारण का कार्य प्रारंभ करने की योजना है। लिगेसी वेस्ट निस्तारण प्रोजेक्ट में तीन तरह से कचरे की छंटाई होगी। जतिन पाल सिंह के अनुसार कंपोस्ट और गुड अर्थ में निकला कचरा प्लांटेशन, हरित पट्टिका तैयार करने, गार्डन डवलप करने, लैंड स्केपिंग आदि में काम आ सकेगा। इनर्ट मटेरियल में कांच, गिट्टी आदि को अलग किया जाएगा। रोड कंस्ट्रक्शन, मकान की भराई आदि कार्यों में उपयोग हो सकेगा। तीसरे प्रकार आरडीएफ में प्लास्टिक, कपड़ा, पॉलिथीन सहित जल सकने वाले कचरे को अलग किया जाएगा व सीमेंट प्लांट में उपयोग हो सकेगा। रिसाईकल कचरा भी अलग किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में जून में प्रारंभ में प्रतिदिन एक हजार टन कचरे का निस्तारण होगा। करीब एक पखवाड़े बाद यह मात्रा दो हजार टन प्रतिदिन हो जाएगी। बारिश के मौसम में निस्तारण की मात्रा कुछ कम रहेगी। जतिन पाल सिंह के अनुसार अक्टूबर से 3 से 4 हजार टन कचरे का निस्तारण प्रतिदिन होगा।


