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राजस्थान के 12 जिलों की 69 तहसीलें सूखाग्रस्त घोषित: सब्सिडी बांटने का फैसला

सीएम अशोक गहलोत ने खरीफ-2021 फसल के दौरान सूखे से हुए नुकसान की जमीनी सच्चाई की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश के 12 जिलों की 69 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया है। रिपोर्ट के आधार पर इन तहसीलों के 744 गांवों में खरीफ की फसल में सूखे से 33 प्रतिशत या इससे ज्यादा नुकसान (खराबे) का आकलन किया गया है। इसके आधार पर राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) नॉर्म्स के अनुसार, इन तहसीलों में राहत गतिविधियां चलाने और प्रभावित किसानों को एग्रीकल्चर प्रोक्योरमेंट और सब्सिडी (कृषि आदान-अनुदान) बांटने की मंजूरी दे दी गई है।

744 गांवों में दी जाएगी राहत

रिपोर्ट के आधार पर बाड़मेर की 16, जोधपुर की 10, जालोर और जैसलमेर की 9-9, बीकानेर और पाली की 6-6, अजमेर जिले की 4, डूंगरपुर की 3, सिरोही और नागौर की 2-2 , हनुमानगढ़ और चूरू की 1-1 तहसीलों में नुकसान का आकलन किया गया है। इनमें 10 जिलों की 64 तहसीलों को गम्भीर कैटेगरी में सूखाग्रस्त, डूंगरपुर की 3 और नागौर की 2 तहसीलों को मीडियम कैटेगरी में सूखाग्रस्त घोषित करने की गहलोत ने मंजूरी दी है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि से खरीफ की फसल में हुए नुकसान से प्रभावित 7 जिलों के 3704 गांवों को भी अभावग्रस्त घोषित करने की मंजूरी दी थी।

औसत से 12.30 फीसदी बारिश कम

1 जून से 31 अगस्त तक प्रदेश में सामान्य से 12.30 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। 14 जिलों (सिरोही, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, पाली, राजसमंद और उदयपुर) में औसत से कम बारिश दर्ज की गई। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने इन जिलों के कलेक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा की थी। बारिश की कमी के कारण फसलों के खराब होने के हालातों की जानकारी ली थी। साथ ही, नुकसान का आकलन करने, सर्वे और गिरदावरी का काम जल्द पूरा करवाकर रिपोर्ट भिजवाने को कहा था। ताकि किसानों को जल्द राहत दी जा सके। बाड़मेर में सामान्य से 55 फीसदी, जालोर में 57 फीसदी, गंगानगर में 51 फीसदी, डूंगरपुर में सामान्य से 48 फीसदी, सिरोही में 64 फीसदी, उदयपुर में 47 फीसदी, जबकि जोधपुर और पाली में 41-41 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड हुई थी।

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