
बीकानेर / कोरोना को पराजित कर घर लौटे नर्सिंग कर्मचारी, योद्धा के समान हुआ स्वागत






खुलासा न्यूज़, बीकानेर। कोई भी काम ठान लिया जाए और पूरे मनोयोग और सजगता से किया जाए तो कोई परेशानी नहीं आती। बस इसके लिए हौंसला होना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की टीम इसी हौंसले के साथ कोरोना को मात देने में लगी है। हम बात कर रहे है कि उस नर्सिंग स्टाफ की जिन्होंने कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा की। यह टीम रोजाना संक्रमित वार्डों में जान जोखिम में डालकर काम कर रही है। टीम के सदस्य हौंसले को हथियार बनाकर जंग लड़ रहे हैं। इस टीम के सदस्यों का कहना है कि संक्रमण रोकने की जिम्मेदारी सभी पर है। इसके लिए हर दिन नई सोच के साथ जंग की शुरुआत होती है। चिकित्सक ीय स्टाफ कोरोना संक्रमण के खिलाफ इस जंग को सभी के सहयोग से जीतने में लगे हैं।
नहीं दिखी चेहरे पर थकान
कोरोना संक्रमित मरीजों के घर जाना हो या फिर किसी संदिग्ध का सैंपल लेना हो या स्क्रीनिंग करनी हो इस टीम के चेहरे पर थकान नहीं दिखी। निरन्तर सेवा क रने के बाद क्वारेनटाइन में रखकर अपने घर की ओर टीम के सदस्य मंगलवार को रवाना हुए। घर पहुंचने पर मोहल्लेवासियों ने फूल मालाओं व गुलाल के साथ स्वागत किया। इस सत्रह सदस्यीय टीम में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपने परिवार की जिम्मेदारी से ज्यादा इस जिम्मेदारी को संभालने वाली दो महिला नर्सिंग भी शामिल है।
ये है टीम के सदस्य
लगातार कोरोना संक्रमितों की सेवा करने वालों में आरिफ मोहम्मद ,देवेन्द्र सिंहतोमर ,दीपक गोयल,गोपाल शर्मा ,सुनील कुमार , विजेन्द्र, सत्यवान धायल, मनीराम बेड़ा ,कविता,मंगतूराम ,चुन्नीलाल, ललिता लूनिया, त्रिलोक व ज्ञानचंद, ओमवीर माकड़ आदि शामिल है। जिन्होंने पहले संक्रमितों के इलाज के बाद आइसोलेशन में रखकर करीब एक माह बाद अपने घर के लिये रवाना हुए।


