
रॉयल्टी के विवाद में हुई हत्या के मामले में6 को आजीवन कारावास, एक बरी हुआ







रॉयल्टी के विवाद में हुई हत्या के मामले में6 को आजीवन कारावास, एक बरी हुआ
बीकानेर। करीब 17 साल पूर्व नोखा तहसील के सारूंडा गांव में एकव्यक्ति की सरेआम हत्या कर दी गई। कई बयानों व दस्तावेजीसबूतों के आधार पर नोखा एडीजे मुकेश कुमार प्रथम ने मामलेकी सुनवाई कर फैसला सुनाया।
दरअसल 25 जनवरी, 2008 को परिवादी सूरजाराम निवासीभावंडा खींवसर ने पुलिस थाना पांचू में मुकदमा दर्ज करवाया किगांव मांडेलिया में लाईन स्टोन रॉयल्टी का ठेका हैं जो जामवासएसोसिएट्स के पास हैं। 25 जनवरी, 08 को परिवादी और उसकेसाथी जीप लेकर खाने का सामान लेने के लिए सारुंडा गांवसडक़ पर मंदिर के पास पहुंचे तो एक बोलेरो गाड़ी और एक जीपहमारे वाहन के आगे लगा दी। उन वाहनों में 20-25 व्यक्ति बैठेथे जिसमें भानीराम, भैराराम, दौलतराम, ईश्वर राम निवासीसारुंडा के पास बंदूकें थी। बाकी के पास लोहे के सरिए, लाठियां,राड़ें व बरछियां थी। भानीराम ने बंदूक से फायर किया तोसुरजाराम की सिर पर लगा। सुरजाराम को अस्पताल लेकर आएजहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रकरण में अभियोजनपक्ष द्वारा 18 बयान करवाए गए व 33 दस्तावेज पेश किए गए।मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने सूरजाराम की हत्या केमामले में भानीराम, भैराराम, दौलतराम, मोहनलाल, धूंकलरामपुत्रगण किरताराम जाट ईश्वरराम पुत्र पुरखाराम जाट निवासीसारुंडा को दोष सिद्ध करते हुए धारा 302 में सभी मुल्जिमान कोआजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडितकिया। भानीराम को धारा 3/25 व 27 आम्र्स एक्ट में 3-3 वर्षका कारावास और 10-10 हजार रुपए के अर्थ दंड की सजासुनाई गई। साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देकर रामुराम कोबरी किया गया।


