दशहरा पर बन रहे हैं छत्र योग समेत 6 शुभ योग, विजयादशमी पर जरूर करें ये 4 काम - Khulasa Online दशहरा पर बन रहे हैं छत्र योग समेत 6 शुभ योग, विजयादशमी पर जरूर करें ये 4 काम - Khulasa Online

दशहरा पर बन रहे हैं छत्र योग समेत 6 शुभ योग, विजयादशमी पर जरूर करें ये 4 काम

दशहरा 2022: दशहरा या विजयादशमी का त्योहार आश्‍विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाते हैं. इस साल दशहरा का त्योहार 05 अक्टूबर दिन बुधवार को है. इस साल दशहरा पर 6 शुभ योग बन रहे हैं, जिसके कारण यह अत्यंत शुभ दिन है

श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी बताते हैं कि इस बार दशहरा पर छत्र योग बन रहा है. दशहरे के दिन श्रवण नक्षत्र का योग मिलने से छत्र योग का निर्माण हो रहा है, इसके अलावा सुकर्मा योग, धृति योग, रवि योग, हंस योग एवं शश योग जैसे बड़े अत्यंत शुभ योग बन रहे हें.

दशहरा 2022 शुभ योग

रवि योग: प्रात: 06 बजकर 30 मिनट से प्रात: 09 बजकर 15 मिनट तक

सुकर्मा योग: 04 अक्टूबर को दिन में 11 बजकर 23 मिनट से 05 अक्टूबर सुबह 08 बजकर 21 मिनट तक है.

धृति योग: दशहरा की सुबह 08 बजकर 21 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 18 मिनट तक.

दशहरा 2022 राहुकाल

दशहरा वाले दिन राहुकाल दोपहर 12:00 से लेकर दोपहर 01 बजकर 30 मिनट तक है. इस समय में दशहरा पूजन करना वर्जित है.

 

दशहरा का पूरा दिन होता है शुभ

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार दशहरा के दिन को साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से एक माना जाता है, इसलिए पूरा दिन ही शुभ होता है. इस दिन आप शुभ कार्य कर सकते हैं.

दशहरा 2022 ग्रह गोचर

05 अक्टूबर को लग्न में सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह की कन्या राशि में युति बन रही है. मीन राशि में बृहस्पति ग्रह स्वराशि का होकर विद्यमान है, वहीं मकर राशि में शनि ग्रह स्वराशि का होकर स्थित है. राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में गोचर कर रहा है. वृषभ राशि में मंगल और मकर राशि में चंद्रमा विराजमान होंगे. दशहरा पर बन रहे इन ग्रह गोचर का प्रभाव देश के पूर्वोत्तर के राज्यों सहित मत्स्य प्रदेश में प्रभाव दिखाएगा, जो हितकारी नहीं माना जा सकता है.

ज्योतिष अनुसार कब मनाते हैं दशहरा

दशहरा (रावणदाह) 05 अक्टूबर दिन बुधवार को मान्य है. यद्यपि दशमी साकल्पादिता तिथि मध्याह्नकाल तक रहेगी. इस पर्व में श्रवण नक्षत्र की बलिष्ठता है. अपराह्णकाल व्यापिनी दशमी तिथि दशहरा के लिए ली जाती है. इसके बारे में धर्म सिंधु में कहा भी गया है- दिनद्वयेऽपराह्नव्याप्त्य व्याप्त्योरेकतरदिने श्रवणयोगे यद्दिने श्रवणयोगः सैवग्राह्या॥‘ दोनों दिन दशमी अपराह्नकाल में हो अथवा न हो, परन्तु जिस दिन श्रवण नक्षत्र विद्यमान हो, उसी दिन विजयादशमी मान्य रहेगी.

 

दशहरा पर करें ये शुभ कार्य

1. दशहरा वाले दिन प्रदोष काल में शाम को रावण के पुतले का दहन करें. इससे बुराई का नाश होता है, असत्य पर सत्य की विजय होती है. इस दिन सत्य के मार्ग पर चलने का प्रण लेना चाहिए.

2. दशहरा वाले दिन सुबह शमी के पौधे की पूजा करनी चाहिए. इससे दुख, रोग आदि दूर होते हैं. घर में सुख और समृद्धि आती है.

3. विजयादशमी के अवसर पर प्रात: स्नान ध्यान के बाद शस्त्र पूजा करने की परंपरा है. इस दिन शस्त्रों की पूजा करें.

4. दशहरा वाले दिन दिवाली से जुड़ी खरीदारी करने की भी परंपरा है. इस दिन आप दीपावली के कपड़े, पूजा पाठ के सामान आदि खरीद सकते हैं.

5. यदि आपने अपने घर पर मां दुर्गाकी मूर्ति रखी है या कलश स्थापना की है तो उसका विसर्जन विजयादशी को शुभ समय में विधिपूर्वक कर लें.

दशहरा को हनुमान जी की पूजा

दशहरा वाले दिन आपको वीर हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. उनको गुड़ और चना का भोग लगाएं और शाम को बूंदी के लड्डू का भोग लगाकर प्रार्थना करें. ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और संकटों से रक्षा करते हैं.

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26