भेड़-बकरियां चराने वाला REET टॉपर्स में:जंगल में बैठकर रोज 12-12 घंटे पढ़ाई की - Khulasa Online भेड़-बकरियां चराने वाला REET टॉपर्स में:जंगल में बैठकर रोज 12-12 घंटे पढ़ाई की - Khulasa Online

भेड़-बकरियां चराने वाला REET टॉपर्स में:जंगल में बैठकर रोज 12-12 घंटे पढ़ाई की

राजस्थान में पाली जिले के छोटे से गांव बोयल (सोजत) में रहने वाले प्रकाश देवासी ने REET लेवल-1 में 146 अंक हासिल कर प्रदेश में छठा स्थान प्राप्त किया है। प्रकाश ने बताया कि वे रोजाना करीब 12 घंटे पढ़ाई करते थे। भेड़-बकरियों को चराने जाने के दौरान भी जंगल में किताब साथ लेकर जाते थे। उनका टारगेट 135 अंक लाने का था, लेकिन प्रदेश में छठा स्थान मिलेगा, यह उन्होंने कभी नहीं सोचा था। प्रकाश ने कहा कि प्रदेश में छठी रैंक आना उनके लिए दिवाली बोनस जैसा है।

प्रकाश ने बताया कि पिछले तीन-चार साल से कॉम्पिटिशन की तैयारी में जुटा था। लॉकडाउन में तैयारी करने का और अच्छा मौका मिला। पिता की मदद के लिए भेड़-बकरियों को चराने के लिए जंगल में लेकर चला जाता। इस दौरान अपनी किताबें भी साथ रखता। प्रकाश ने कहा, जंगल के शांत माहौल में पढ़ाई करने का अलग ही आनंद था।

पुराने पेपर देखकर की थी पूरी तैयारी

पुराने पेपर देखकर तैयारी की, जिससे समझ में आ गया कि किस तरह के प्रश्न परीक्षा में आएंगे। इसके साथ ही जयपुर जाकर कोचिंग भी की। उन्होंने कहा कि किसी भी टारगेट को पूरा करने या सफलता प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि सब कुछ छोड़कर लक्ष्य निर्धारित करते हुए नियमित रूप से सिर्फ पढ़ाई पर फोकस किया जाए।

IAS बनना है सपना, इस सफलता का श्रेय मां को
तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे प्रकाश ने कहा कि उनका सपना IAS अधिकारी बनने का है। इसे लेकर संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। REET में सफलता प्राप्त करने का पूरा श्रेय मेरी मां पप्पूदेवी को है, क्योंकि पिता भेराराम देवासी को एलर्जी की समस्या है।

ऐसे में गर्मी और बारिश के मौसम में वे भेड़-बकरियों के बीच नहीं जा पाते। सारा काम मां ही संभालती हैं। मां ने ही घर संभालते हुए पढ़ाई जारी रखने का हौसला दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में उन्होंने M.A. तक की पढ़ाई की। REET की तैयारी में वे पिछले तीन-चार साल से जुटे थे।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26