बीकानेर जिले में अनेक खेतों में हो रही अफीम की खेती, यहां कार्यवाही करने से पुलिस भी डरती है! - Khulasa Online बीकानेर जिले में अनेक खेतों में हो रही अफीम की खेती, यहां कार्यवाही करने से पुलिस भी डरती है! - Khulasa Online

बीकानेर जिले में अनेक खेतों में हो रही अफीम की खेती, यहां कार्यवाही करने से पुलिस भी डरती है!

-संपादक कुशालसिंह मेड़तिया की विशेष रिपोर्ट
खुलासा न्यूज, बीकानेर। जिले में बड़े पैमाने पर अवैध अफीम की खेती हो रही है। सरसों की खेती की आड़ में अफीम उगाई जा रही है। ऐसे कई खेतों में अफीम की अवैध खेती हो रही है। खुलासा पड़ताल में सामने आया कि पांचू, नोखा, श्रीकोलायत, बज्जू सहित बीकानेर के अनेक खेतों में अफीम की अवैध खेती हो रही है। ये खेत ऐसे एरिया में लगाए जाते हैं, जहां आसानी से कोई पहुंच नहीं पाता।

हैरान करने वाली बात तो यह है कि इन अनेक खेतों में हो रही अफीम की खेती पर पुलिस द्वारा कार्यवाही करने की दूर की बात, यहां पुलिस जाने से भी डरती है। जानकारों की मानें तो यहां खतरनाक किस्म के तस्कर है जिनसे पुलिस कार्यवाही करने से डरती है। अब देखने वाला विषय यह होगा कि जिले के एसपी योगेश कुमार यादव क्या कार्यवाही करते है ? बता दें कि के बीते कल पांचू पुलिस के थानाधिकारी विकास बिश्नोई ने कार्यवाही करते हुए अफीम के एक खेत को पकड़ा लेकिन ऐसे कई खेत चल रहे है।

ऐसे समझिए तस्करों का गणित
अफीम के इन पौधों से होली के बाद लगभग अफीम का दूध निकलता है। फिलहाल बोई हुई फसल पर गुलाबी फुल खिले हुए है। जो गर्मी बढऩे के साथ ही डोडा का रूप लेगा। होली के बाद डोडा में चीरा लगा कर तस्कर अफीम का दूध निकालेंगे। जानकारों की मानें तो एक अफीम के पौधे में चीरा लगाने के बाद 5 से 10 ग्राम अफीम का दूध मिल जाता है, जिसे बाद में तस्कर पांच से दस गुना अफीम तैयार करते हैं।

{1 लाख रु. किलो तक बिकता है तस्करों को अफीम का दूध

{5 से 10 ग्राम दूध निकलता है एक पौधे से

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