
भयावह तस्वीर : बीकानेर सहित प्रदेशभर में स्कूल और कॉलेज खोलना खतरे से कम नहीं!, क्या सीएम लेंगे फैसला






खुलासा न्यूज, बीकानेर। कोरोना की तीसरी लहर का सबसे बड़ा स्कोर शनिवार को सामने आया है। आज सुबह व शाम की रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 193 रोगी मिले हैं, जबकि हकीकत में यह संख्या 250 सौ के पार है। बीकानेर शहर के साथ अब आसपास के कस्बे और गांव तक चपेट में आने शुरू हो गए हैं। शनिवार सुबह की रिपोर्ट में बीकानेर आईजी प्रफुल कुमार सहित 67 कोरोना पॉजिटिव मिले थे। बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे और कॉलेजी छात्र-छात्राएं पॉजीटिव आए है। ऐसे में अब खतरा बढ़ता जा रहा है।
स्कूल व कॉलेज खोलना खतरे से खाली नहीं
हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि आने वाले दिनों में जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, धौलपुर या गंगानगर जिलों में कोरोना का ग्राफ कम नहीं होगा, बल्कि बढ़ेगा ही। पूरी जनवरी में कोविड रोगियों की संख्या बढ़ेगी। ऐसे में स्कूल व कॉलेज खुला खोलना खतरे से खाली नहीं है। जब कोरोना की पहली लहर आई, तब भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 15 मार्च 2020 से 30 मार्च 2020 तक अवकाश घोषित किया था। हालात ये हुए कि डेढ़ साल तक शिक्षा विभाग इन डेट्स को बढाता रहा। दो क्लास तो बच्चों को घर बैठाकर पास कराया गया।
क्या सीएम लेंगे फैसला
जयपुर व जोधपुर के चार नगर निगम एरिया के स्कूल सरकार ने बंद कर दिए हैं। बीकानेर, हनुमानगढ़ और धौलपुर सहित कुछ जिलों में स्थानीय प्रशासन ने स्कूल बंद करने का फैसला लिया है। स्वयं रा’य सरकार ने सभी जिला कलेक्टर को पावर दिए हैं कि वो शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से चर्चा के बाद स्कूल बंद कर सकते हैं। आठवीं तक स्कूल 16 जनवरी तक बंद करने का फैसला लिया गया है। नौवी से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के स्कूल खुले है। एक्सपर्ट के मुताबिक इन विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलना खतरे से कम नहीं है। आज बीकानेर सहित प्रदेशभर में 9 से 12वीं के कई छात्र पॉजीटिव आए है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अब संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है, जिससे स्कूली और कॉलेजी छात्र-छात्राएं पॉजीटिव आने लगे है। अब देखने वाला विषय यह है कि सीएम अशोक गहलोत क्या फैसला लेते है ?
बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए क्या राजस्थान में स्कूल और कॉलेज बंद होने चाहिए ? आप क्या सोचते हैं ? जरा बताइए


