LIVE: राजस्थान में लॉकडाउन बढ़ेगा या नहीं; सभी से राय-मशविरा कर रहे गहलोत, फिर लेंगे फैसला 

LIVE: राजस्थान में लॉकडाउन बढ़ेगा या नहीं; सभी से राय-मशविरा कर रहे गहलोत, फिर लेंगे फैसला 

राजस्थान में कोरोना से बिगड़ते हालात को लेकर सीएम ओपन बैठक कर रहे हैं। अधिकारियों, राजनीतिक दलों, धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर मंथन चल रहा है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाग गर्ग बोले- 15 दिन तक कर्फ्यू को सख्ती से लागू करें। अन्यथा हम कुछ भी कर लें, संक्रमण की गति को नहीं रोक पाएंगे।

इससे पहले ​​​​​​, ​आरयूएचएस कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी सहित कई मेडिकल एक्सपर्ट ने 2-3 सप्ताह का लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- पिछली बार जब लॉकडाउन लगाया गया था, तब लोगों को बहुत तकलीफ हुई थी। मजदूरों का पलायन हुआ, लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हुई। इसलिए लॉकडाउन का फैसला बहुत सोच-समझकर करना होगा।

गहलोत बोले- कुंभ, गुजरात और महाराष्ट्र से आने वालों के कारण गांवों में फैला कोरोना

सबसे पहले चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव सिद्धार्थ महाजन ने तमाम पहलुओं पर सीएम को जानकारी दी। इसके बाद गहलोत ने कहा- पहले कहते थे कि कोरोना गांवों में नहीं फैलता, लेकिन अब 30 फीसदी कोरोना मरीज गांवों से आ रहे हैं। कुंभ से आने वालों के कारण गांवों में कोरोना फैला है। गुजरात-महाराष्ट्र से आने वालों के कारण डूंगरपुर, उदयपुर, बांसवाड़ा सहित कई जिलों के गांवों में महामारी ज्यादा फैली है। उधर, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिंपल डॉ. सुधीर भंडारी ने दो टूक कहा- जो लॉकडाउन के विरोधी हैं, वे किसी भी अस्पताल की इमरजेंसी में एक घंटा गुजार लें, भयावहता समझ आ जाएगी। जिंदा रहना ज्यादा जरूरी है। जीविका बाद में है।

भारत सरकार ने शुरू में ऑक्सीजन नहीं दी, अब जामनगर से मिलेगी
गहलोत ने कहा, पहले भिवाड़ी में ऑक्सीजन बन रही थी। उसे भारत सरकार ने सेंट्रलाइज्ड वितरण का फैसला किया। भारत सरकार ने पहले राजस्थान को नाममात्र का ऑक्सीजन अलॉट किया। अब जाकर जामनगर से ऑक्सीजन का कोटा मिला है। जामनगर में टैंकर नहीं है। वहां से ऑक्सीजन लाने की व्यवस्था की जा रही है।

कोराना की दूसरी लहर बहुत घातक
सीएम ने कहा, दूसरे फेज में कोराना की रफ्तार बहुत घातक है। परिवार का परिवार खत्म हो रहा है। पहले नौजवानों में कम था। अब नौजवान भी चपेट में आ रहे हैं। राजस्थान में मृत्यु दर बढ़ रही है। किसी ने सोचा नहीं होगा कि राजस्थान में इतनी मृत्यु दर होगी। पड़ोसी राज्यों के हालात सबके सामने है। रेमडेसिवर, ऑक्सीजन की कमी है। शनिवार को ऑक्सीजन और दवाओं को लेकर पीएम को अफसरों और राज्यों के साथ वीसी करनी पड़ी।

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