Gold Silver

बीकानेर की इम्युनिटी बूस्टर, रोजाना 500 किलो होती है खपत, क्या कहते है एक्सर्ट डॉक्टर

खुलासा न्यूज, बीकानेर। बहुत कम लोगों को पता होगा कि मसालों में शुमार हल्दी की सब्जी भी खाई जाती है। राजस्थान में विशेषकर बीकानेर क्षेत्र में राजस्थानी इस सब्जी को बड़े शौक से खाते हैं। इसे बीकानेर का सुपर फूड कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा। कच्ची हल्दी का सीजन नवम्बर से जनवरी तक रहता हैं। खास बात यह है कि हल्दी की पैदावार कोटा, बूंदी और उदयपुर क्षेत्र में होती है। इसकी सबसे ज्यादा खपत मारवाड़ के 5 जिलों बीकानेर, जोधपुर, पाली, सिरोही और नागौर में होती है। कच्ची हल्दी की सब्जी जिसे मारवाड़ का इम्युनिटी बूस्टर कहा जाता है। इसकी सौंधी-सौंधी महक देशभर में लोगों तक पहुंच रही है। यह शाही सब्जी अब होटलों व शादियों के मेन्यू तक में शामिल हो गई हैं।

 

तीन माह में 50 हजार किलो खपत केवल बीकानेर में
बीकानेर जिले में ही सर्दियों के 3 महीने में 50 हजार किलो हल्दी की सब्जी की खपत होती है। बीकानेर सब्जी मंडी अध्यक्ष अरविन्द मिड्डा की मानें तो रोजाना करीब 500 किलो कच्ची हल्दी और इसमें डालने वाले 10 क्विंटल मटर और गाजर भी बिकते हैं। जिले में औसतन 500 किलो हल्दी रोजाना बिकती हैं। ऐसे में तीन माह में करीब 50  हजार किलो हल्दी जिले में बिक जाती है।

हल्दी की सब्जी बनाने की रेसिपी
सबसे पहले कच्ची हल्दी की गांठों को छीलकर उसे कद्दूकस कर लेते हैं। पैन में घी गर्म कर उसमें कच्ची हल्दी के कस को भूना जाता है। एक पैन में एक किलो घी डालते हैं। उसमें बारीक कटे प्याज को हल्का ब्राउन होने तक भुनते हैं। इसमें अदरक, लहसुन का पेस्ट डालते हैं। इसके साथ ही बारीक कटी हुई हरी मिर्च डाल कर भून लेते हैं। इस दौरान एक बर्तन में 1 किलो दही लेकर उसमें मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और नमक डालकर अच्छे से मिला लेते हैं। इसे मसाले में डाला जाता है। मसाला पकाते समय इसे चलाते रहना पड़ता है। भुनी हुई हल्दी डालते हैं। एक तय समय तक हल्दी को पकाते हैं। जब हल्दी घी छोड़ना शुरू कर देती हैं तो समझ ले कि आपकी हल्दी की सब्जी अब तैयार हैं।

600 से 1000 रुपए किलो तक भाव
एक किलो कच्ची हल्दी बनाने में करीब 1000 रुपए खर्च होते हैं। इसमें 600 से 800 रुपए किलो का शुद्ध देशी घी, 120 रुपए किलो दही, करीब 100 रुपए के ड्राई फ्रूट और 80 से 100 रुपए किलो में मिलने वाली कच्ची हल्दी डलती है।

सर्दी ही हल्दी खाने का अनुकूल मौसम
जीवनरक्षा हॉस्पीटल के एक्सपर्ट डॉ. विकास पारीक के मुताबिक सर्दी का मौसम ही हल्दी खाने के अनुकूल होता है। कोरोना महामारी केस लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में हल्दी की सब्जी खाना सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।  हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन बहुत अच्छा एन्टी ऑक्सीडेंट है, जो शरीर में सूजन को रोकता है। हल्दी रक्त को साफ करती है, त्वचा रोग, खुजली, दर्द, गठिया, श्वास और घाव की औषधि है। इम्युनिटी के लिए इसका उपयोग तो सबको ज्ञात ही है।

Join Whatsapp 26