रीट भर्ती में दस्तावेजों की जांच में 59 डिग्री फर्जी 2-2 लाख रुपए देकर दूसरे राज्यों से ला रहे फर्जी डिग्री - Khulasa Online रीट भर्ती में दस्तावेजों की जांच में 59 डिग्री फर्जी 2-2 लाख रुपए देकर दूसरे राज्यों से ला रहे फर्जी डिग्री - Khulasa Online

रीट भर्ती में दस्तावेजों की जांच में 59 डिग्री फर्जी 2-2 लाख रुपए देकर दूसरे राज्यों से ला रहे फर्जी डिग्री

जयपुर। राजस्थान में सरकारी भर्ती का मतलब है-फर्जी डिग्री। भोपाल, दिल्ली, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, हरियाणा व उत्तरप्रदेश में 50 हजार से 2 लाख रुपए तक फर्जी डिग्री बिक रही है। रीट भर्ती इसका ताजा सबूत है। गोविंद गुरु जनजातीय यूनिवर्सिटी ने रीट के 84 अभ्यर्थियों की जांच की तो खुलासा हुआ कि 59 की डिग्री फर्जी है। इनके पास इंटीग्रेटेड बीएड व एसटीसी दोनों की डिग्री हैं। सवाल है कि एक ही समय पर दो-दो डिग्री कैसे मिली? शिक्षा निदेशालय जांच में जुटा है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई)ने साल 2019 में आदेश दिया था कि देशभर के शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज यानी एसटीसी और बीएड कॉलेजों को अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य रूप से करनी होगी। 4 साल बाद भी 80 फीसदी कॉलेजों ने इसे लागू नहीं किया। यही कारण है कि कॉलेज रुपए लेकर छात्रों को डिग्री बेच रहे हैं। दाखिले में माइग्रेशन व टीसी की अनिवार्यता भी लागू नहीं की जा रही।
नतीजा यह है कि दूसरे राज्यों के कॉलेजों को रुपए देकर घर बैठे ही फर्जी डिग्री मंगवा लेते हैं। यह फर्जी इसलिए, क्योंकि यूजीसी का नियम है कि यदि एक यूनिवर्सिटी में नियमित रूप पढ़ रहे हैं तो दूसरी यूनिवर्सिटी से उसी वर्ष की नियमित डिग्री नहीं कर सकते। एक नियमित डिग्री के साथ डिस्टेंस एज्यूकेशन संस्थान इग्नू एवं वीएमओयू कोटा से पत्राचार से डिप्लोमा कोर्स किया जा सकता है।

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