
… तो नहीं खुलेंगे स्कूल!, पढि़ए पूरी खबर






नई दिल्ली। कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भारत में पिछले 24 घंटे के भीतर कोरोना वायरस के 69 हजार 652 नए मामले दर्ज हुए हैं। देश में एक अभी तक एक दिन में कोरोना केसों की यह सबसे बड़ी संख्या है। देश में जारी कोरोना संकट की वजह से फिलहाल दोबारा स्कूल खोले जाना मुश्किल है। वहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय दो टूक कह चुका है कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित किए बिना स्कूल नहीं खोले जाएंगे। अभी कोरोना महामारी को देखते हुए फिलहाल स्कूल खोले जाने की संभावना नहीं है। इसलिए ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने का विकल्प ही जारी रखा गया है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने स्कूली छात्रों के लिए खास दिशानिर्देश जारी किए हैं।
यह दिशानिर्देश इंटरनेट के अभाव में भी छात्रों की लर्निग बेहतर करने का काम करेंगे। दरअसल, शिक्षा मंत्रालय की ओर से ये दिशानिर्देश तीन प्रकार की स्थितियों के लिए सुझाए गए हैं। पहला, जिस स्थिति में छात्रों के पास कोई डिजिटल संसाधन न हों। दूसरा, छात्रों के पास लिमिटेड डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं। तीसरा छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं। इसका मतलब यह है कि जहां कहीं छात्र घर पर ही ऑनलाइन शिक्षा ले रहे हैं, वह यही सिस्टम जारी रहेगा। जबकि जिन लोगों के पास ऑनलाइन साधन नहीं हैं, उनको दूसरे वैकल्पिक माध्यमों से शिक्षा प्रदान की जाएगी। शिक्षा विभाग के अनुसार ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि फिलहाल स्कूल खुलने की संभावना न के बराबर है। आईएएनएस के अनुसार निशंक ने जानकारी देते हुए बताया कि दिशानिर्देश स्कूल के साथ काम करने वाले समुदाय पर जोर देते हैं ताकि शिक्षकों और स्वयंसेवकों द्वारा बच्चे अपने दरवाजे पर शिक्षण सामग्री जैसे वर्कबुक, वर्कशीट आदि प्राप्त कर सकें। यह सामुदायिक केंद्र में टेलीविजन स्थापित करने और सामाजिक दूरी मानदंडों को बनाए रखने के द्वारा स्थानीय छात्रों को पढ़ाने का भी सुझाव देता है।” ये दिशानिर्देश समुदाय केंद्र और पंचायती राज के सदस्यों की मदद से सामुदायिक केंद्र में एक हेल्पलाइन स्थापित करने की भी बात करते हैं। यह माता-पिता के उन्मुखीकरण की सलाह देते हैं कि वे अपने बच्चों के सीखने में सहायता और भाग लें।


