Gold Silver

छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को चिट्‌ठी लिखी, कहा- परीक्षा रद्द करा दें, इससे हमारी जान को खतरा है

CBSE 12वीं के एग्जाम को लेकर केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों में ठनी हुई है। जहां एक ओर केंद्र सरकार इसे जून से करवाने की तैयारी में लग रही है, वहीं दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कई राज्य इस बात पर अड़े हुए हैं कि बिना वैक्सीनेशन के स्टूडेंट्स को एग्जाम के लिए न बुलाया जाए।

इसी कड़ी में मंगलवार को CBSE 12वीं क्लास के करीब 300 स्टूडेंट्स ने चीफ जस्टिस एनवी रमना को चिट्ठी लिखी है। अपने लेटर पिटीशन में इन स्टूडेंट्स ने कोरोना के बीच फिजिकल एग्जाम कराने का CBSE का फैसला रद्द करने की मांग की है। स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट से सरकार को असेसमेंट का वैकल्पिक तरीका तय करने का निर्देश देने की भी अपील की है।

छात्रों का कहना है कि देश में कोविड-19 के चलते कई स्टूडेंट्स ने अपने परिवार वालों को खोया है। ऐसे में इस समय फिजिकली परीक्षा कराना न सिर्फ लाखों छात्रों और टीचर्स की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि उनके परिवार वालों के लिए भी यह परेशानी का सबब है।

सिसोदिया का केंद्र को सुझाव-वैक्सीन दें, परीक्षा लें
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि बिना वैक्सीनेशन के 12वीं के स्टूडेंट्स को एग्जाम के लिए न बुलाया जाए। वहीं सिसोदिया ने पत्र में कहा कि छात्रों को बिना वैक्सीनेशन के परीक्षा के लिए न बुलाया जाय।

उन्होंने कहा कि कोवैक्सिन या कोवीशील्ड 17 से अधिक आयु वर्ग के बच्चों को दी जा सके, इसके लिए केंद्र सरकार एक्सपर्ट्स से राय ले। इसके लिए केंद्र को फाइजर कंपनी से भी बात करनी चाहिए।

सिसोदिया के केंद्र को 6 सुझाव

  1. 18वें साल का 6 महीना पूरा कर चुके 12वीं के छात्रों को भी 18-44 वाले ग्रुप में शामिल कर वैक्सीन दी जाए।
  2. केंद्र सरकार 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए एप्रूव्ड वैक्सीन को भारत के बच्चों के लिए खरीदे।
  3. वे टीचर्स जिन्होंने किसी भी कारण से अब तक वैक्सीन नहीं ली हो, उन्हें भी टीका तुरंत दिया जाए।
  4. अगर वैक्सीनेशन का विकल्प फिलहाल संभव न हो तो इस वर्ष बोर्ड की परीक्षा पूरी तरह रद्द की जाए।
  5. 10वीं, 11वीं के मार्क्स और स्कूल के आंकलन पर 12 वीं क्लास के रिजल्ट घोषित किए जाएं।
  6. जो बच्चे रिजल्ट से सहमत न हों, इसके लिए प्लान-बी के तहत परीक्षा करवाने का ऑप्शन खुला रखा जाए।

रक्षा मंत्री और राज्यों के बैठक में नहीं हो सका था फैसला
सीबीएसई, आईसीएसई व विभिन्न राज्य शिक्षा बोर्डों की 12वीं कक्षा की परीक्षा पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्री समूह व राज्यों की बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका। अधिकांश राज्यों ने कहा कि 12वीं की परीक्षा आयोजित करना महत्वपूर्ण है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के थमने और स्थिति में सुधार के बाद ही सितंबर तक परीक्षाएं हों।

दिल्ली और महाराष्ट्र ने न सिर्फ परीक्षा रद्द करने की सिफारिश की, बल्कि दिल्ली ने यहां तक कह दिया कि परीक्षा देने वाले देश के 1.4 करोड़ बच्चों और टीचर्स-स्टाफ के वैक्सीनेशन के बाद ही परीक्षा ली जानी चाहिए। इसके लिए केंद्र को फाइजर कंपनी से बात करनी चाहिए।

Join Whatsapp 26