
डॉ. सारस्वत ने कायम की मिसाल, घोड़ी पर निकली लाडो की बिंदोरी





खुलासा न्यूज, बीकानेर। बीकानेर के खाजूवाला में एक पिता ने अपनी बेटी की बिंदोरी घोड़ी पर बिठाकर निकली तो वधु ने कहा, हम बेटियां भी बेटों से कम नहीं है। खाजूवाला के चिकित्सक डॉ. रामनिवास सारस्वत ने यह मिसाल कायम की है। सारस्वत के परिवार ने बेटी हिमांशी की शादी में उसको घोड़ी पर बिठा कर बदलाव के संकेत दिए। कोरोना एडवाइजरी का पालन करते हुए गाजे बाजे से बिंदौरी निकाली।
अपनी लाड़ो हिमांशी को पिता ने सजी धजी घोड़ी पर बिठाकर उसकी बिनोरी मुख्य मार्गों से निकाली। जो सारस्वत विला भैंरू मौहल्ला से चमड़िया कॉलोनी में मूलचंद गजरा के घर पहुंची। बीकानेर के इस छोटे से कस्बे में पहली बार घोड़ी पर किसी बेटी की बिंदौरी निकली थी। इसलिए गांव के लोगों के लिए यह अनूठा था। अमूमन सीमावर्ती कस्बा होने पर यहां लड़कियों की बिनौरी नहीं निकाली जाती हैं। इस कारण घोड़ी पर युवती को बैठी देखा तो लोगों ने घर की छत और खिड़कियों से इस दृश्य को कैमरे में कैद किया।

