हिंसा पर 50 और लोगों को नोटिस; विपक्षी नेताओं के गाजीपुर पहुंचने पर टिकैत बोले- यहां वोट साधने न आएं - Khulasa Online हिंसा पर 50 और लोगों को नोटिस; विपक्षी नेताओं के गाजीपुर पहुंचने पर टिकैत बोले- यहां वोट साधने न आएं - Khulasa Online

हिंसा पर 50 और लोगों को नोटिस; विपक्षी नेताओं के गाजीपुर पहुंचने पर टिकैत बोले- यहां वोट साधने न आएं

नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का आज (31 जनवरी) 67वां दिन है। किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान 26 जनवरी को दिल्ली में लाल किला समेत कई जगहों पर हिंसा हुई थी। इसके बाद 29 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर भी पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। उपद्रव को लेकर दिल्ली पुलिस ने रविवार को 50 और लोगों को नोटिस जारी किए। इनमें किसान नेता भी शामिल हैं।

इधर, आंदोलन को समर्थन देने पहुंच रहे विपक्षी नेताओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा, ‘विपक्ष के नेता यहां आंदोलन को समर्थन देने आ सकते हैं, लेकिन यहां उनके लिए वोटों को साधने का कोई मौका नहीं है। हमारा मानना है कि यह मुद्दा केवल बातचीत से ही सुलझ सकता है। हम सरकार के साथ बातचीत करेंगे।’ प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को कहा था कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए हमेशा तैयार है।

नरेश टिकैत भी बातचीत के लिए तैयार नजर आए थे
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने मोदी की अपील पर कहा था, ‘सरकार गिरफ्तार किए गए हमारे लोगों को छोड़े और बातचीत के लिए मंच तैयार करे। हम प्रधानमंत्री की गरिमा को कायम रखेंगे। हम तिरंगे का कभी अपमान नहीं होने देंगे। हमारा इरादा कहीं से भी सरकार और संसद को नीचा दिखाने का नहीं है, लेकिन हम अपना सम्मान भी कायम करेंगे।’ किसान नेताओं और सरकार के बीच अगली बातचीत 2 फरवरी को होनी है।

आंदोलन को समर्थन देने कौन-कौन पहुंचा था?

  • रविवार को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल किसान आंदोलन के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि भारत किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को बधाई देना चाहता हूं। हमारी पार्टी भी उनके साथ खड़ी है।
  • शनिवार को राष्ट्रीय लोक दल के नेता अजीत सिंह, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया भी आंदोलनकारियों से मिलने पहुंचे थे।
  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किसान आंदोलन का समर्थन किया था और सरकार से कृषि कानून वापस लेने को कहा था
  • कई नेताओं ने फोन करके नरेश और राकेश टिकैत से बात की थी और किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया था
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