भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन पटवारी और लाभार्थी को 5 साल का कारावास

भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन पटवारी और लाभार्थी को 5 साल का कारावास

भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन पटवारी और लाभार्थी को 5 साल का कारावास
बीकानेर। मीडियम पेच की जमीन फर्जी तरीके से आवंटित करवाई थी, खाजूवाला के चक 14पीपी का मामला
भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय के पीठासीन अधिकारी विनोद कुमार सोनी ने खाजूवाला के चक 14 पीपी में मीडियम पेच की जमीन का मिलीभगत से फर्जी आवंटन करवाने के मामले में तत्कालीन हलका पटवारी और लाभार्थी को दोषी मानकर प्रत्येक को 5-5 साल की सजा और 50,000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
खाजूवाला निवासी परिवादी ओमप्रकाश जाट की ओर से वर्ष, 10 में एसीबी को दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी भंवरू खां ने 28 जनवरी, 09 को 17 बीघा जमीन परिवादी की को जरिये बयनामा बेच दी थी। इसके बावजूद भंवरू खां ने हल्का पटवारी प्रेमसिंह राजीव से मिलीभगत की और 7.12 बीघा अराजीराज रकबा को मीडियम पेच में आवंटन करवाने के लिए 12 मार्च, 09 को आवेदन कर दिया। जबकि, मुरबे की 17 बीघा जमीन पूर्व में बेचने पर वह इसके लिए पात्र ही नहीं था। आरोपी पटवारी प्रेमसिंह को इन सभी तथ्यों की जानकारी होने के बावजूद आवंटन अधिकारी को सूचना नहीं दी। इससे आवंटन अधिकारी ने 26 मई, 09 को पटवारी और तहसीलदार की रिपोर्ट पर मीडियम पेच की जमीन को आवंटित कर दिया। भंवरू खां ने जमीन आवंटित करवाने के बाद आरोपी पटवारी को भूमि का मुख्तयारआम नियुक्त कर दिया। एसीबी ने इस फर्जीवाड़े की जांच की और कोर्ट में चालान पेश कर दिया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद पटवारी और लाभार्थी को दोषी मानते हुए प्रत्येक को 5-5 साल के कारावास और 50,000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि जमा नहीं कराने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 17 गवाहों के बयान हुए। राज्य की ओर पैरवी सहायक निदेशक अभियोजन शरद ओझा ने की।

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