
बीकानेर: कुश्ती के दौरान मैदान में गर्दन मोड़कर मारने वाले को 5 साल की सजा







बीकानेर: कुश्ती के दौरान मैदान में गर्दन मोड़कर मारने वाले को 5 साल की सजा
खुलासा न्यूज़। बीकानेर के लूणकरणसर क्षेत्र में कुश्ती के दौरान एक खिलाड़ी की गर्दन मुड़ने से मौत हो गई। करीब 10 साल पुराने इस मामले में बीकानेर कोर्ट ने गर्दन मोड़ने वाले खिलाड़ी को 5 साल की सजा सुनाई है। जमानत पर चल रहे इस युवक को अब गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा। अपर सेशन न्यायाधीश संख्या चार की अदालत में पीठासीन अधिकारी मुकेश कुमार सोनी ने सजा सुनाई है।
लूणकरणसर के अजीतमाना गांव में 27 मई 2015 को हादसा हुआ था। परिवादी रजिराम ने आरोप लगाया था कि बीरबलराम और नंदूराम ने युवक चंदूराम युवक की गर्दन जबरन मोड़ी थी। उसे पीबीएम हॉस्पिटल लेकर आए, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी
कोर्ट में दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी। मृतक के परिजनों का आरोप था कि शराब के नशे में जानबूझकर चंदूराम को मारा गया था। ये हत्या का मामला है। दूसरे पक्ष का कहना था- चंदूराम के साथ कुश्ती करते हुए उसको जमीन पर पटककर गर्दन को मोड़ा गया था। इस पर मृतक के परिजनों का आरोप था- गर्दन को इस तरह से मोड़ने पर मौत हो सकती है।
कोर्ट ने आरोप- पत्र को गलत माना
कोर्ट ने आरोप- पत्र में निष्कर्ष दिया गया कि चंदूराम की आरोपियों से किसी तरह की कोई दुश्मनी नहीं थी। जांच में रुपए मांगना प्रमाणित नहीं हुआ। बल्कि ये पाया गया कि चंदूराम को बीरबलराम ने जांघों के नीचे हाथ डालकर गर्दन की तरफ से जमीन पर पटकनी देने का प्रयास हुआ था। इसी दौरान गर्दन टूट गई और चंदूराम की मौत हो गई।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्य देखने के बाद बीरबलराम पुत्र मामराज को पांच साल का साधारण कारावास सुनाया गया है। इसके साथ ही 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अभियुक्त बीरबलराम जमानत पर है, ऐसे में अब पुलिस उसे पकड़कर जेल भेजेगी।


