
यूजीसी के आदेश की पालना नहीं करने पर राजस्थान की 40 यूनिवर्सिटी को किया डिफाल्टर घोषित






जयपुर। राजर्षि भर्तृहरि मत्सय विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर फिर सवालिया निशान लगा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आदेश के बाद भी लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने पर मत्स्य विवि सहित प्रदेश की 40 यूनिवर्सिटी को डिफाल्टर घोषित किया है। इनमें 16 सरकारी एवं 24 गैर विश्वविद्यालय शामिल है।
यूजीसी की ओर से प्रदेश की सभी सरकारी और गैर सरकारी विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की समस्यों के निराकरण के लिए 11 अप्रेल 2023 को लोकपाल नियुक्त करने के आदेश जारी किए थे। यूजीसी की ओर से लोकपाल नियुक्ति के आदेश जारी किए 9 माह बीत गए, लेकिन अब तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं की गई। आदेशों की पालना नहीं करने वाले यूनिवर्सिटी के खिलाफ अब यूजीसी ने सख्त कर कार्रवाई कर उन्हें डिफाल्टर घोषित किया है।
विद्यार्थी हित में लोकपाल इसलिए जरूरी
मत्स्य विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की समस्याओं को लेकर सदैव चर्चाओं में रहा है। विद्यार्थियों की समस्याओं का समय रहते निराकरण हो सके, इसके लिए यूजीसी ने विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति अनिवार्य की है। विश्वविद्यालय की ओर से लोकपाल नियुक्त करने से उनकी समस्याओं का आसानी से निराकरण हो सकेगा। लोकपाल किसी भी दवाब मुक्त होकर निर्णय लेने को स्वतंत्र होता है।
रुक जाएगा अनुदान
डिफाल्टर घोषित करने का विश्वविद्यालयों को नुकसान उठाना होगा। इससे यूजीसी की ओर से विश्वविद्यालयों को मिलने वाला अनुदान रुक जाएगा, जिसका सीधा असर विद्यार्थियों को मुहैया कराए जाने वाले संसाधनों पर पड़ेगा। वहीं विश्वविद्यालय के विकास कार्य भी प्रभावित होंगे।
ये विश्वविद्यालय हुए डिफाल्टर
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों में हेल्थ, कृषि, आयुर्वेद, तकनीकी, विधि, वेटरनरी आदि विश्वविद्यालय को डिफाल्टर घोषित किया गया है। इसमें 16 सरकारी और 24 गैर सरकार विश्वविद्यालयों को डिफाल्टर घोषित किया गया है। ये आदेश गत 17 जनवरी को जारी किए गए हैं।
जल्द मिलेगा लोकपाल
यूजीसी की ओर से लोकपाल नियुक्त करने के आदेश जारी किए हैं, विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जल्द ही विद्यार्थियों के हित के लिए लोकपाल नियुक्त किया जाएगा। उचित व्यक्ति को लोकपाल बनाया जाएगा।
प्रो शील सिंधु पांडेय, कुलपति, मत्स्य विश्वविद्यालय।


