
बीकानेर में 4 आरएस अधिकारियों ने फर्जी तरीके से इतने बीघा जमीन आवंटित कर डाली,अब जांच एसीबी






बीकानेर के खाजूवाला बार्डर के पास करीब 50 करोड़ रुपए की जमीन का फर्जी तरीके से आवंटन सामने आया है। भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट यह 300 बीघे का आवंटन बताया जा रहा है। इस मामले को लेकर राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्रदेश के 4 आरएएस, 2 तहसीलदार सहित 25 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।
बीकानेर के खाजूवाला बार्डर के पास करीब 50 करोड़ रुपए की जमीन का फर्जी तरीके से आवंटन सामने आया है। भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट यह 300 बीघे का आवंटन बताया जा रहा है। इस मामले को लेकर राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्रदेश के 4 आरएएस, 2 तहसीलदार सहित 25 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।
इस मामले की जांच के लिए एसीबी ने पूरा ब्यौरा जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल को भी भेज दिया है। जैसेलमेर में भी इसी तरह का मामला सामने आया था। तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त अरुण प्रकाश शर्मा के कार्यकाल में घोटाला हुआ था। इस नगर निगम बीकानेर के आयुक्त हैं। एसीबी इस मामले की भी जांच कर रही।
1984 की कीमत पर आंवटित की जमीन
एसीबी की जांच में यह सामने आया है कि इन अधिकारियों ने भूमिहीन श्रेणी के किसानों को फर्जी आवंटन आदेश पर 1984 की दर से जमीन आवंटित की। इससे राजस्व हानि हुई। बड़ी बात यह है कि राजस्व अपील अधिकारी ने इसका आदेश भी जारी कर दिए और तहसीलदार, पटवारी और भू अभिलेख निरीक्षकों ने भी जमीनों के नामांतरण भी हो गया।
नौ मामले में 300 बीघे की हेराफेरी
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने ऐसे नौ मामले पकड़े हैं। प्रत्येक लाभार्थी को 20 से 35 बीघा तक भूमि का आवंटन फर्जी तरीके से किया गया था। इसमें 300 बीघ सरकारी भूमि का फर्जी आवंटन किया गया। 2017 में इस मामले में जानकारी आई थी और फिर एएसपी रजनीश पूनिया ने इसकी जांच की थी। एसीबी का मानना है कि सैंकड़ों ऐसी फाइलें हैं। विस्तृत जांच हो तो मामला सामने आ जाएगा।
आवंटन आदेश ही डिस्पैच नहीं किए
फर्जी आवंटन की पत्रावलियां 1984-88 की तैयार की गई जबकि आवंटन की तारीख से 2012-13 तक ना तो आवंटियों ने कब्जा लिया और ना ही राशि जमा कराई। सीधे ही न्यायालय राजस्व अपील अधिकारी रामेश्वर दयाल मीणा और रामदेव गोयल को अपील की गई और फिर अधिकार न होने के बावजूद इन्होंने राजस्व रिकॉर्ड में प्रविष्टि के लिए आदेश जारी कर दिए।
ये हैं भूमि आवंटन के आरोपी
आरएए- रामेश्वर दयाल मीणा और रामदेव गोयल (दोनों सेवानिवृत्त)।
तहसीलदार – राजेश नायक (वर्तमान में एसडीओ), रामचंद्र पचार(रिटा. आरएएस) महावीर प्रसाद बाकोलिया, किस्तुरीलाल।
पटवारी – अनिल गुप्ता, जुगल किशोर शर्मा,हरीराम, प्रभुदयाल
भू अभिलेख निरीक्षक-कैलाश चंद्र, गुरुदेव सिंह, किशन सिंह, रामेश्वरलाल कस्वां।
राजस्व लेखाकार- मेघाराम व श्याम सिंह।
लाभार्थी- बच्ची, मन्नत, जन्नत, अजीजुल्ला, समेरमल, नवाब खां, जन्नत पुत्री फरीद खां, बच्ची पत्नी वजीर खां और बुद्दे खां।


