फरार 5बंदियों में से अब तक 4 को पकड़ा, 5वें की देर रात तक तलाश जारी, एसपी बोली 5वें बंदी भी जल्द होगा पुलिस के गिरफ्त में - Khulasa Online फरार 5बंदियों में से अब तक 4 को पकड़ा, 5वें की देर रात तक तलाश जारी, एसपी बोली 5वें बंदी भी जल्द होगा पुलिस के गिरफ्त में - Khulasa Online

फरार 5बंदियों में से अब तक 4 को पकड़ा, 5वें की देर रात तक तलाश जारी, एसपी बोली 5वें बंदी भी जल्द होगा पुलिस के गिरफ्त में

बीकानेर। दो बंदी भठिंडा और दो बीकानेर में पकड़े गए। पांचवें बंदी की गिरफ्तारी के लिए रात 12 बजे तक पुलिस छापे मार रही थी। दो बंदी भठिंडा और दो बीकानेर में पकड़े गए। पांचवें बंदी की गिरफ्तारी के लिए रात 12 बजे तक पुलिस छापे मार रही थी। नोखा सब जेल से भागे पांच में से चार बंदी शुक्रवार देर रात तक गिरफ्तार कर लिए गए। दो बंदी भठिंडा और दो बीकानेर में पकड़े गए। पांचवें बंदी की गिरफ्तारी के लिए रात 12 बजे तक पुलिस छापे मार रही थी। 20 अप्रैल की रात को नोखा सब जेल से पांच बंदी फरार हो गए थे। बंदियों की गिरफ्तारी के लिए रेंज के चारों जिलों की पुलिस को अलर्ट किया गया था। हनुमानगढ़ पुलिस को सलीम और सुरेश के भठिंडा के डबलीखना गांव में छिपे होने की जानकारी मिली थी।
संगरिया पुलिस थाना एसएचओ विजय मीणा और डीएसटी की टीम ने दोनों को वहां से दबोच लिया। डबलीखना में सलीम के दोस्त रंजीत ने दोनों को छइपा रखा था। हनुमानगढ़ पुलिस ने उन्हें बीकानेर पुलिस को सौंप दिया। उधर, बीकानेर पुलिस को अनिल और रतीराम के नोखा के कुचोर-अगूणी में छिपे होने की जानकारी मिली। पुलिस ने शाम को अनिल को पकड़ लिया। रात को मंदीप पकड़ा गया। रतीराम की तलाश जारी है।
नोखा जेल से भागे चार बंदी पकड़े गए हैं। इनमें से दो बंदियों को हनुमानगढ़ पुलिस के सहयोग से पकड़ा गया है। अब तक की जानकारी में सामने आया है कि पांच बंदियों के अलावा कुछ और बंदी भी भागने की तैयारी में थे। पकड़े गए बंदियों से पूछताछ कर पूरा खुलासा किया जाएगा।
– प्रीति चन्द्रा, एसपी बीकानेर
जोधपुर की फलोदी जेल ब्रेक कर 16 बंदियों के भागने की घटना के बाद ही नोखा सब जेल में मास्टर माइंड बंदी अनिल कुमार ने भागने की प्लानिंग कर ली और आठ बंदियों को तैयार भी कर लिया था। तीन बंदी जेल की दीवार नहीं चढ़ पाए और वापस बैरिक में लौट गए थे। पुलिस की गिरफ्त में आए सलीम खां और सुरेश ओड से प्रारंभिक पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। हरियाणा निवासी अनिल ने फलोदी जेल ब्रेक के बाद नोखा जेल से भागने की पूरी प्लानिंग की थी।
बैरिक में खिडक़ी के पास दीवार तोडक़र सुराख और कंबलों की रस्सियां बनाकर जेल की दीवार पर अटकाने का काम उसी ने किया था। दीवार पर लगे तारों में करंट से बचने के लिए वॉश बेसिन से पाइप भी उसी ने काम में लिया था। जसरासर के रतीराम ने उसका सहयोग किया। जेल से भागने के लिए बंदियों ने दीवार पर चढऩे के लिए पिरामिड बनाया। एक-दूसरे के कंधों पर चढक़र दीवार तक पहुंचना चाहा। इसके बावजूद इतनी ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाए तो जेल में रोटी बनाने वाली भट्‌टी और उस पर बर्तन (बड़ा भगौना) रखकर पिरामिड बनाया और दीवार पर चढ़े।
दो टीम में बटे कैदी, दो पंजाब भागे, तीन बीकानेर रह गए
पूछताछ में सामने आया है कि फरार होने के बाद पांचों बंदी दो टीम में बट गए। सलीम और सुरेश पंजाब भाग गए। चूंकि उनके पास पैसे नहीं थे। फरार होने के बाद सलीम और सुरेश ने एक ट्रक वाले से लिफ्ट लिया। ट्रक वाले के मोबाइल से ही सलीम ने भाई को फोन किया और कुछ रुपए मंगाए। रुपए लेकर दोनों पंजाब के बठिंडा भाग गए। उधर, पांचों बंदियों ने योजना बनाई थी कि भागने के बाद लूट-डकैती की बड़ी वारदात करेंगे। एकसाथ मिलकर वारदात की प्लानिंग भी बनाई थी।

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