बाफना स्कूल में 30वें फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आगाज़ - Khulasa Online बाफना स्कूल में 30वें फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आगाज़ - Khulasa Online

बाफना स्कूल में 30वें फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आगाज़

शिक्षा में सतत उन्नयन और नवाचार हेतु बाफना स्कूल में आज सप्ताह भर चलने वाले, 30वें फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत हुई।

स्कूल के सीईओ डॉ पीएस वोहरा ने बताया कि पिछले कई वर्षों से स्कूल अपने शिक्षकों के शैक्षिक उन्नयन और नवाचार हेतु “फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम” का आयोजन करता आ रहा है। इसके माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में स्थिरता, सीखने और परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए तथा संकाय और शिक्षाविदों की प्रतिबद्धता को बल देने के लिए यह एक आवश्यक कदम है। उन्होंने बताया कि साप्ताहिक फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र के कई जाने-माने विद्वानों को आमंत्रित किया जाएगा।

पहले दिन शिक्षा के क्षेत्र के दो विद्वानों शिक्षाविद उमाकांत गुप्त व विख्यात शोधकर्ता व सहायक निदेशक कॉलेज शिक्षा डॉ राकेश हर्ष के व्याख्यान हुए।

शिक्षाविद उमाकांत गुप्त ने अपने संबोधन बताया कि आज हम जो शिक्षा अपने विद्यार्थियों को दे रहे हैं उसमें विद्या नदारद है। विद्या व्यक्ति में कौशल को जन्म देती है।आज शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक ही सीमित रह गई है। उसमें कौशल तथा मानवीय गुणों को विद्यार्थियों में ओतप्रोत करने की क्षमता गायब सी हो गई है। आगे उन्होंने बताया कि हमें विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, संवेदनशीलता, संतोष, समता, स्वालंबनता, कर्तव्यनिष्ठता तथा मनुष्यता के भावों को जागृत करना होगा जिससे हम शिक्षा के अमृत में मूल्यों को प्राप्त कर सकेंगे तथा शिक्षक की गरिमा को भी समाज में पुनः स्थापित कर सकेंगे। इन मूल्यों के द्वारा हम विद्यार्थी को एक सार्थक नागरिक भी बना पाएंगे जो अपने परिवार, समाज, राष्ट्र तथा विश्व को और अधिक सशक्त बनाएगा। समाज भी हमारी उपयोगिता को जानेगा और हम अपनी आत्मा के प्रति भी जवाबदेह हो सकेंगे। तत्पश्चात हम इनके माध्यम से श्रेष्ठ को संरक्षित रखने तथा उसमें और नया जोड़ने में सक्षम भी हो सकेंगे।

दूसरे सत्र में डॉ राकेश हर्ष ने उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपने इस पेशे का चुनाव कर ही लिया है तो इसके प्रति ईमानदार होना आपका कर्तव्य होना चाहिए। आपके दिए संस्कारों व मूल्यों का विद्यार्थी पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इन संस्कारों और मूल्यों को एक विद्यार्थी अपने संपूर्ण जीवन में संजोकर रखता है। आप सभी शिक्षक विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के प्रति जवाबदेह हैं।

कार्यक्रम के अंत में स्कूल प्रबंधन की ओर से उमाकांत गुप्त तथा राकेश हर्ष का आभार व सम्मान किया गया।

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