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बीकानेर: यह क्या 30 फीट की सड़क अब 10 फीट ही रह गई

बीकानेर। गंगाशहर राेड से नगर सेठ यानी लक्ष्मीनाथ मंदिर के लिए काे जाने वाली 30 फीट चाैड़ी सड़क छह साल में 10 फीट की रह गई है। सड़क के किनारे एक तरफ से खान की दीवार भी ढह चुकी है, जिसका मलबा सड़क पर बिखरा हुआ है। यदि प्रशासन नहीं चेता ताे कुछ ही समय में यह मार्ग पूरी तरह बंद हाे जाएगा। यूआईटी ने करीब छह साल पहले जैन स्कूल के पास बजरी की खान के चाराें तरह रास्ता तैयार किया था। शहरी क्षेत्र में जाने के लिए यह शाॅर्ट रास्ता बना, जहां ज्यादा ट्रैफिक नहीं रहता। बजरी की खान काे भरने के लिए पूर्व में नगर निगम ने कचरा भी डालना शुरू किया, लेकिन आस-पास के लाेगाें की आपत्ति के बाद राेक दिया गया। पिछले कई सालाें से यहां मलबा डाला जा रहा है। खान के मुहाने पर बने हैं मकान, बारिश में खतरा : बजरी की पुरानी खान के मुहाने पर साै से अधिक परिवार बसे हुए हैं। बारिश में उनके ढहने का खतरा बना रहता है। शहर में शिवबाड़ी, पटेल नगर, खतूरिया काॅलाेनी, माेहता सराय सहित कई स्थानाें पर बजरी की पुरानी खानें हैं, जहां लाेग बसे हुए हैं। उन्हें वहां से शिफ्ट करने के अब तक काेई प्रयास नहीं हाे पाए हैं। मलबा खान में ना डालकर लाेग सड़क पर ही डाल जाते हैं। इससे सड़क की चाैड़ाई कम हाे रही है। करीब एक किलाेमीटर गाेलाई के इस मार्ग की चाैड़ा घटकर कहीं 10 ताे कहीं पांच फीट रह गई है। गाेगागेट या शिववैली से हाेकर इस रास्ते सीधे लक्ष्मीनाथ मंदिर पहुंचा जा सकता है। शहरी क्षेत्र काे लाेगों के लिए रेलवे स्टेशन और पीबीएम हाॅस्पिटल पहुंचने के लिए यह सुगम मार्ग है। पार्षद अरविंद किशाेर आचार्य ने बताया कि इस मार्ग काे चाैड़ा करने के लिए कई बार यूआईटी सचिव काे कहा गया, लेकिन काेई सुनवाई नहीं हुई। नगर निगम से कई बार जेसीबी मंगवा कर मार्ग खुलवाना पड़ता है।

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