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किसानों का 3 घंटे चक्काजाम:  टिकैत बोले- सरकार को 2 अक्टूबर तक का वक्त दिया

कृषि कानूनों के खिलाफ 73 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों ने शनिवार को 3 राज्यों दिल्ली, UP और उत्तराखंड को छोड़ देशभर में चक्काजाम किया। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक किए गए जाम का सबसे ज्यादा असर राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में दिखा। इन राज्यों में प्रदर्शनकारियों ने स्टेट और नेशनल हाईवे जाम कर दिए।

चक्काजाम का कांग्रेस ने न सिर्फ समर्थन किया, बल्कि की जगह कांग्रेस के कार्यकर्ता खुद भी प्रदर्शन में शामिल हुए। ये अलग बात है कि जयपुर में अजमेर और टोंक बाइपास पर चक्काजाम में शामिल हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धूप बर्दाश्त नहीं हुई और वे आधे घंटे में ही लौट गए।

टिकैत ने कहा- सरकार को 2 अक्टूबर तक का वक्त दिया
कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान नेताओं के तेवर लगातार तल्ख बने हुए हैं। शनिवार को चक्काजाम खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘दबाव में सरकार से बात नहीं करेंगे। सरकार को कानून वापसी के लिए 2 अक्टूबर तक का वक्त दिया है। उसके बाद आगे की स्ट्रैटजी बनाएंगे। जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक किसान घर नहीं लौटेंगे।’

छत्तीसगढ़ के CM बोले- सरकार डकैतों जैसे तरीके अपना रही
किसानों के चक्काजाम के बीच कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने किसान आंदोलन वाले पॉइंट्स पर मल्टीलेयर बैरिकेडिंग करने और कीलें लगाने पर सरकार की तुलना डकैतों से कर दी। बघेल ने कहा, ‘पुराने समय में डकैत गांवों में लूट की वारदात करने के लिए कीलें लगाकर सभी रास्तों को बंद कर देते थे, सिर्फ अपने भागने के लिए एक रास्ता छोड़ते थे। अब सरकार यह तरीका अपना रही है।’

बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार ने खुद ही किसानों के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बना दिया, क्योंकि किसानों के समर्थन में ग्लोबल सेलेब्रिटीज के बयानों पर रिएक्शन देकर सरकार उन्हें बढ़ावा दे रही है। बघेल ने यह भी कहा कि जल्द हल नहीं निकला तो किसान आंदोलन पूरे देश में फैल जाएगा।

चक्काजाम शांतिपूर्ण रहा
शनिवार को किसानों का चक्काजाम शांतिपूर्ण रहा। एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी सर्विस वाले वाहनों को नहीं रोका गया। वहीं हिंसा, तोड़फोड़ या हादसे की भी कोई खबर नहीं आई। इसकी बड़ी वजह यह थी कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा से सबक लेकर पुलिस और किसान नेता सतर्क थे।

3 राज्यों में जाम का सबसे ज्यादा असर रहा
राजस्थान: प्रदर्शनकारियों ने स्टेट और नेशनल हाईवे जाम कर दिए। दिल्ली-जयपुर हाईवे 4 घंटे तक पूरी तरह बंद रहा, क्योंकि शाहजहांपुर बॉर्डर से गुजरने वाली रोड पर किसानों ने सुबह 11 बजे ही जाम लगा दिया था। वहीं जयपुर शहर में जाम लगाने के लिए सड़कों पर ट्रैक्टर खड़े किए, तो अलवर में पत्थर और कंटीली झाड़ियां डालकर सड़कें रोक दीं। कोटा में ट्रैक्टर रैली निकालकर प्रदर्शन किया गया। राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस ने किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया।

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