
एआई और आधार से पहचान, बल्क बुकिंग पर एक्शन… आईआरसीटीसी ऐप में ऐसा क्या बदलाव हो रहा, जिससे 3.5 करोड़ अकाउंट हो गए बंद





एआई और आधार से पहचान, बल्क बुकिंग पर एक्शन… आईआरसीटीसी ऐप में ऐसा क्या बदलाव हो रहा, जिससे 3.5 करोड़ अकाउंट हो गए बंद
इंडियन रेलवे (Indian Railways) ने टिकट बुकिंग में बड़े स्तर पर हो रही धांधली को कंट्रोल करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। रेलवे IRCTC ऐप्लीकेशन में कुछ बदलाव कर चुका है और कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं, जिससे आम यूजर्स को टिकट बुकिंग के दौरान होने वाली परेशानियों से निजात मिलने की उम्मीद है। रेलवे टिकट बुकिंग से जुड़े अनअधिकृत एजेंट्स फर्जी इमेल के जरिए टिकल बुकिंग में बड़े स्तर पर धांधली करते हैं। यूजर्स को इससे निजात दिलाने के लिए इंडियन रेलवे ने कई सख्त कदम उठाए हैं।
अब नहीं होगा फर्जीवाड़ा!
एजेंसी के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि अब कोई भी अनाधिकृत टिकट बुकिंग एजेंट भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) के प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट्स का उपयोग कर संभावित यात्री के लिए कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ाने के लिए एक साथ कई कोशिशें नहीं कर सकेगा। रिपोर्ट के मुताबिक IRCTC के एक अधिकारी ने बताया, “रेलवे टिकट बुकिंग सिस्टम में निष्पक्षता लाने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, IRCTC ने डिस्पोजेबल (लघु अवधि) ईमेल एड्रेस के साथ बनाए गए ऐसे यूजर्स आईडी का पता लगाकर और उन्हें डीएक्टिवेट करके अनधिकृत टिकटिंग पर लगाम लगाने के लिए एआई-आधारित एडवांस टेक्निक्स के जरिए सॉल्यूशन निकाले गए हैं और सभी यात्रियों के लिए समान पहुंच सुनिश्चित की है।
अधिकारी ने बताया कि IRCTC ने पिछले एक साल में 3.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी ब्लॉक की हैं, जिससे इसके प्लेटफॉर्म पर सिस्टम की भीड़भाड़ काफी कम हो गई है।
ऐसे रचा जाता है खेल…
अधिकारी ने बताया कि अनधिकृत एजेंट किस तरह से प्लेटफॉर्म का गलत यूज करते हैं, उन्होंने कहा, “मान लीजिए कि A नाम का एक शख्स दिल्ली से आगरा के लिए टिकट बुक कराने के लिए किसी अनधिकृत एजेंट के पास जाता है। एजेंट IRCTC प्लेटफॉर्म पर 30 प्रोफाइल बनाने के लिए कई डिस्पोजेबल ईमेल आईडी (गूगल पर उपलब्ध डोमेन नामों का उपयोग करके) और मोबाइल नंबर का उपयोग करेगा। “यूजर आईडी या प्रोफाइल बनाते वक्त, ईमेल आईडी पर एक ओटीपी भेजा जाता है और एजेंट उस ओटीपी का उपयोग करके वेरिफाइ करता है। हालांकि, ऑथेंटिकेशन के बाद, ईमेल आईडी अमान्य हो जाती है, लेकिन प्रोफ़ाइल बनी रहती है।अब, ये अनधिकृत एजेंट A के लिए टिकट बुक करने के लिए ऐसे कई प्रोफाइल का उपयोग करते हैं। इसलिए केवल A के लिए टिकट बुक करने की संभावना बढ़ाने के लिए 30 रिक्वेस्ट या कोशिशें होती हैं। वे इस मकसद के लिए बॉट्स (ऑटोमेटेड सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन) का भी उपयोग करते हैं।


