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2 हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल सस्पेंड

झुंझुनूं। पुलिसकर्मियों की लापरवाही का एक और उदाहरण सामने आया है। 18 अप्रैल को एक विचाराधीन बंदी छगन बावरिया अस्पताल से फरार हो गया था। खास बात यह है कि यहां 5 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी थी। मौके पर 2 ही थे। वो दोनों भी चैन से सो रहे थे। इतने में मौका देखकर बड़े ही आराम से बंदी निकल गया था। सीसीटीवी फुटेज की जांच हुई तो पूरा भेद खुला। मंगलवार को एसपी मनीष त्रिपाठी ने 2 हेड कांस्टेबल और 3 कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है। इसमें हेड कांस्टेबल महेंद्र सिंह, हनुमान सिंह, कांस्टेबल दिलीप, सुमेर सिंह और राजपाल शामिल हैं। खेतड़ी थानाधिकारी सुरेंद्र सिंह देगड़ा ने पांचों को झुंझुनूं पुलिस लाइन के लिए रवाना कर दिया है। बताया जाता है कि घटना के समय सुमेर व राजपाल सो गए थे।
एक घंटे बाद खुली आंख
हत्या के मामले में जेल में बंद छगन बावरिया को 17 अप्रैल की रात 12 बजे के बाद अस्पताल लाया गया था। सीसीटीवी फुटेज की जांच में सामने आया कि छगन बावरिया वार्ड में अकेला था। उसकी सुरक्षा के लिए 2 पुलिस कर्मी तैनात थे। छगन के सोने के बाद दोनों पुलिस जवान भी सो गए। 18 अप्रैल तड़के 3 बजकर 57 मिनट पर छगन बावरिया की आंख खुली। वह 5 मिनट तक बेड पर बैठा कुछ सोचता रहा। इसके बाद 4:03 बजे वार्ड से निकल जाता है। वह वापस आकर बेड से अपनी चादर लेता है और दबे पांव अस्पताल से निकल जाता है। करीब एक घंटे बाद यानी 4 बजकर 59 मिनट पर पुलिस वालों की आंख खुलती है। छगन को बेड पर न पाकर उनके होश उड़ जाते हैं।

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