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तकनीकी विश्वविद्यालय बीकानेर: अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों में से एक छात्रा की तबीयत बिगड़ी

बीकानेर। बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्रों ने आज भी अपनी विभिन्न मांगो को लेकर विश्वविद्यालय के गेट के आगे प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में छात्राों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस तल्ख गर्मी के बाद भी छात्र पीछे नहीं हटे और अपनी परीक्षाए समय से हो और उन्हें पढ़ाई के अनूकुल माहौल मिले। इसको लेकर छात्र आज भी संघर्ष करते दिखे। इस प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शन कर रही एक छात्रा और एक छात्र की तबीयत खराब हो गयी। जिनको इलाज के लिए भेजा गया है। इस दौरान वीसी अमरीश चारण ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन भी छात्राों के साथ बात करने को तैयार है लेकिन कुछ 5-6 छात्रों की वजह से बातचीत नहीं हो पा रही है।
वीसी ने कहा कि हमने कल भी प्रयास किए थे और आज भी तैयार है। वहीं वीसी को एग्जाम के लिए आंदोलन के बारे में पुछा गया तो वीसी ने कहा कि कहीं ना कहीं हमसे चूक हुई है लेकिन हम इसको सुधारने के लिए तैयार है। परीक्षाएं समय पर नहीं होने के सवाल पर वीसी ने जवाब में कहा कि हमारे पास कुछ डाटा की कमी थी जिसके चलते समय पर परीक्षाए नहीं हो पायी इसमें हमारी चुक है। वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ रहा है। जिसके कारण विद्यार्थी परेशान हो रहे है। समय रहते अगर हमारी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गयी तो इस प्रदर्शन को और उग्र किया जाएगा।
छात्रों की मांग है कि प्रथम,तृतीय और पंाचवे सेमेस्टर की मैन ओर बैक की परीक्षाएं 31 मई तक ऑनलाइन हो या फिर छात्रों को प्रमोट किया जावे। दूसरे,चौथे और छठे सेमेस्टर की परीक्षाएं 15 जून तक करवायी जावे और जुलाई 2022 तक सभी रिजल्ट निकाले जाए।
छात्रों की मंाग है कि बोर्ड ऑफ स्टडीज के मेंबर और चेयरपर्सन विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 42 कॉलोजों से हो ना की आईआईटी ओर एनआईटी या अन्य कॉलेजों से हो।इवन ओड स्कीम तुरंत प्रभाव से हटायी जावे
प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का सेलेब्स पहले वाला ही किया जावे अन्यथा राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय की तर्ज पर खुद की किताबे बाजार में उपलब्ध करवायी जावे।
कॉलेज में अध्यापक ही नहीं है सभी विषयों के इसलिए 7 दिनों में विश्वविद्यालय प्रशासन अध्यापकों की नियुक्ति करें।
दस दिनों के भीतर प्रयोगशाला के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाएं जाए। कॉलेज डवलपमेंट के नाम पर लिए जाने वाले 5500 रूपए रद्द किए जावे क्योंकि विश्वविद्यालय में मूलभूत सुविधाओं की कमी है।
स्पोर्टस का रिफंड तुरंत प्रभाव से दे क्योंकि विद्यार्थियों को अपनी जेब से पैसे खर्च करके विश्वविद्यालय के लिए राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर खेलने के लिए जाते है।
छात्रों ने मांग की है कि 15 दिनों के अंदर विश्वविद्यालय के कैंपस में खेलों के लिए हरे भरे ग्राउंड होने चाहिए जिनके लिए सरकार पैसे देती है।

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