
निजी स्कूल संचालकों ने सरकार को दिखाया आईना, जिला शिक्षा अधिकारी को अपने ही आदेशों के आगे झुकना पड़ा





अधिकारी अपने आदेशों की पालना नहीं करवा सका, नाकामी आई सामने
स्कूलें संचालकों ने सरकार को दिखाया आईना, जिला शिक्षा अधिकारी को अपने ही आदेशों के आगे झुकना पड़ा
बीकानेर। पिछले दो दिन से निजी व सरकारी विद्यालयों में 13 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक शालाओं के मध्याविधि अवकाश घोषित किये गये है। ये आदेश इस बार शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये थे। शिक्षा विभाग ने मंत्री के आदेशों की पालना करते हुए 13 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक अवकाश घोषित किया गया है। अधिकारी आदेश निकालने से पहले धरातल पर नहीं देखते है और आदेश निकाल देते है। बाद में अपने ही आदेशों पर संशोधित करते नजर आते है। जानकारी में रहे कि स्कूलों में कभी बारिश, तो शीतकालीन, कभी मध्याविधि अवकाश इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है और बोर्ड परीक्षाओं का कोर्स पूरा नहीं होता है। इसलिए अवकाश के दौरान बच्चो की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए सिर्फ बोर्ड में अध्ययन करने वालों की स्कूलें लगाई जाती है। लेकिन उधर जिला शिक्षा अधिकारी के सख्त आदेश कि अगर अवकाश के दौरान स्कूलें लगाई तो कार्यवाही की जायेगी। अधिकारियों को आदेशा निकालने से पहले देखना चाहिए कि इस आदेश की पालना हो सकती है या नहीं। सोमवार को अगर देखा जाये तो 50 प्रतिशत स्कूल संचालाकों ने अधिकारी के आदेशों की जमकर धज्जियां उडाई। शिकायत मिलने पर एक संशोधित आदेश निकाला है। इससे साफ जाहिर होता है अधिकारी कार्य करने में सक्षम नहीं है उनके पास ऐसी टीम नहीं है कि वो अपने आदेशों की पालना करवा सके। अपनी कमजोरी छिपाने के लिए इस तरह के आदेश निकालने पड़ते है। इससे अधिकारियों की नाकामी सामने आई है। वहीं अवकाश के दिन शालाओं का संचालन होने पर जमकर विरोध किया लेकिन उधर स्कूल संचालको ने बच्चों से फीस एकत्रित करने के बाहने स्कूलों का संचालन किया। मजे की बात है कुछ स्कूलों ने अभिभावकों को आदेश दिया कि बच्चों को शाला भेजना लेकिन बेग व ड्रेस पहनाकर मत भेजना। आखिर स्कूलों वालों के ऐसा क्या मजबूरी आ गई की सरकार के आदेशो की धज्जिया उड़ानी पड़ी। इसको लेकर खुलासा ने लगातार अपनी खबर को लेकर अपडेट ले रहा था। कुछ संचालक इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचे और कहा कि बच्चों की पढ़ाई खराब हो रही पहले बारिश के कारण अवकाश हो गये कभी कुछ कारण अवकाश हो गये इस लिए बोर्ड परीक्षा देने वाले बच्चों की पढाई पूरी नहीं हो रही है। इस पर जिला शिक्षा माध्यमिक बीकानेर झुक गया और एक और संशोधित आदेश निकाल दिया कि किसी निजी विद्यालय द्वारा अभिभावकों की सहमति से पांच दिवसीय प्रकाशपर्व को छोडक़र परीक्षा की तैयारी एवे दोहरान कार्य हेतु विद्यालय का संचालन किया जा सकता है। किंतु ध्यान रहे राजकीय विद्यालयों में शिविरा पंचाग के अनुसार ही अवकाश रहेगा किंतु कोई भी विद्यालय परीक्षाओं का संचालन शिविरा पंचाग के अनुसार किया जाता है।

