अब देश में तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत

अब देश में तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत

बीजिंग। चीन ने अपनी टू चाइल्ड पॉलिसी में 5 साल में ही बदलाव कर दिया है। चीन सरकारके मुताबिक, अब शादीशुदा जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की इजाजत दे दी गई है। चीनने ये फैसला तब लिया है, जब उसकी जनसंख्या वृद्धि दर 1950 के बाद सबसे धीमी रही है।चीन में एक दशक में एक बार जनगणना की जाती है, इसके मुताबिक पिछले दशक में वहांकी जनसंख्या वृद्धि दर सबसे धीमी रही है। चीन के इस फैसले की वजह 5 सवालों मेंसमझे1. बच्चों को लेकर नई पॉलिसी पर फैसला कब लिया गया?चीन की शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने बताया कि पोलित ब्यूरो की हाल ही में हुई बैठक में 3 बच्चों की पॉलिसी पर फैसला लिया गया है। इस बैठक की अध्यक्षता चीन के राष्ट्रपति शीजिनपिंग कर रहे थे। बैठक में कहा गया कि चीन की जनसंख्या के ढांचे को मजबूत करने केलिए ये फैसला लिया गया है। इसके साथ ही कुछ अन्य सुधार के कदम भी होंगे। इनकेजरिए चीन में बूढ़ी होती आबादी की समस्या को सुलझाया जाएगा। इसके साथ ही चीनअपनी मैनपावर की एडवांटेज को भी बरकरार रखना चाहता है। हालांकि, सुधार के दूसरे कदम क्या होंगे, इसे स्पष्ट नहीं किया गया है।2. चीन में बच्चों को लेकर क्या-क्या नीतियां बनाई गईं?चीन में बच्चों को लेकर पहली पॉलिसी 70 के दशक के अंत में बनाई गई। तब ये तय किया गया कि शादीशुदा जोड़े केवल एक बच्चा पैदा कर सकेंगे। ये फैसला देश की तेजी सेबढ़ती हुई आबादी पर लगाम लगाने के लिए लिया गया था। इस पॉलिसी में 2016 में बदलावकिया गया और एक बच्चों की सीमा बढ़ाकर 2 बच्चे कर दिया गया। अब 5 साल बादपॉलिसी फिर बदली गई। अब चीन में थ्री चाइल्ड पॉलिसी लागू हो चुकी है।3. चीन की जनसंख्या वृद्धि दर में क्या बदलाव आया है?चीन सरकार ने 20 दिन पहले यानी 11 मई को 10 साल की जनगणना के आंकड़े जारी किएथे। जनगणना का काम पिछले साल ही पूरा हो गया था, लेकिन आंकड़े अब जारी किए गएहैं और वो भी बहुत कम। बहरहाल, इन आंकड़ों के हिसाब से देखें तो 2011 से 2020 के बीचचीन की जनसंख्या वृद्धि दर 5.38त्न रही। 2010 में यह 5.84त्न थी। जाहिर है जनसंख्या वृद्धि दरकम रही और अब चीन के विशेषज्ञ देश के लिए इसे अच्छा संकेत नहीं मान रहे।कुछ एक्सपट्र्स इसे 1979 में अपनाई गई च्वन चाइल्ड पॉलिसीज् का रिवर्स इफेक्ट मानतेहैं। हालांकि, यह पॉलिसी 2016 में खत्म कर दी गई थी। लेकिन, अब यहां कपल्स इसकेआदी हो चुके हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, चीन की जनसंख्या फिलहाल, 1 अरब 41 करोड़ है। 2010 की तुलना में 72 मिलियन ज्यादा। चीन में पहली जनगणना 1953 में कराईगई थी। इसके बाद से यह सबसे कम जनसंख्या वृद्धि दर है। और यही बीजिंग की फिक्रमंदीका सबब भी है।
4. नई चाइल्ड पॉलिसी पर चीन की जनता का क्या रिएक्शन है?
शंघाई की 26 वर्षीय बीमा पेशेवर एनी झांग ने पिछले साल अप्रैल में शादी की। उन्होंनेबताया कि एक बच्चा होना मेरी उम्र में महिलाओं के करियर डेवलपमेंट के लिए एक नुकसानदेह फैसला है। दूसरी बात, एक बच्चे को पालने की लागत (शंघाई में) बहुत ज्यादा है,यह कहीं न कहीं हमारी आजादी को छिनने जैसा है।
एक थिंक-टैंक की 2005 की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में एक सामान्य परिवार के लिए एकबच्चे को पालने में 490,000 युआन ($ 74,838) की लागत आई। स्थानीय मीडिया ने बताया कि2020 तक यह खर्च चार गुना तक बढक़र अब1.99 मिलियन युआन हो गया है।5. दूसरे देशों ने चीन को लेकर क्या आशंकाएं जाहिर की हैं?च्न्ययॉर्क टाइम्सज् की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन सरकार को अब यह डर सताने लगा है किभविष्य में कहीं देश में काम करने लायक सही उम्र वालों  की कमी नहो जाए। पिछले साल चीन में 12 लाख बच्चों ने जन्म लिया। देश में जनगणना के मुख्यअधिकारी निंग जिंझे के मुताबिक- चार साल से हम बच्चों की कम होती जन्म दर यानीबर्थ रेट देख रहे हैं। यह भविष्य के लिहाज से अच्छे संकेत नहीं कहे जा सकते।रिपोर्ट के मुताबिक, चीन दुनिया की दूसरी बड़ी इकोनॉमी और सुपर पॉवर है। अगर इसीरफ्तार से वर्क फोर्स कम होता गया तो भौगोलिक हालात भी तेजी से बदलेंगे। इसका सीधाअसर इकोनॉमिक ग्रोथ और सेना पर भी पड़ेगा। जिंझे मानते हैं कि चीन में युवाओं कीतुलना में बुजुर्गों की तादाद कम होना भी चिंता की वजह है। इससे खर्च बढ़ेगा औरआमदनी कम होगी। पेंशन और दूसरे उपायों पर खर्च ज्यादा करना पड़ेगा।वुहान के एक पार्क में बच्चों के साथ मौजूद महिला। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के युवापरिवार से ज्यादा अहमियत कॅरियर को दे रहे हैं।वुहान के एक पार्क में बच्चों के साथ मौजूद महिला। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के युवापरिवार से ज्यादा अहमियत कॅरियर को दे रहे हैं।शादी की उम्र बहुत ज्यादाइसी रिपोर्ट में बताया गया है कि 2014 के बाद से चीन में शादी करने की औसत उम्र बढ़तीजा रही है। यानी युवा सही उम्र में शादी नहीं कर रहे हैं। इसका सीधा संबंध जन्म दर से है।इतना ही नहीं, मुसीबत दोहरी है। एक और जहां युवा देरी से दी कर रहे हैं वहीं, 2003 केबाद से तलाक लेने वालों की तादाद बहुत तेजी से बढ़ी है। इस बढ़ते ट्रैंड को कम करने केलिए स्कूल और कॉलेजों में परिवार और बच्चों के महत्व पर स्पेशल कोर्स लाए जा रहे हैं।चीन की इस परेशानी के कुछ कारण
मातृत्व दर 1.3त्न है। मोटे तौर कपल्स एक से ज्यादा बच्चे नहीं चाहते।
वन चाइल्ड पॉलिसी की वजह से जेंडर गैप बढ़ा। बेटियों की भ्रूण हत्या कर दी गई। फिलहाल, करीब 112 पुरुषों पर 100 महिलाएं हैं। 2010 में यह 118 पुरुषों पर 100 महिलाएं थीं।यानी इस मामले में हालात बेहतर हुए।
युवा एजुकेशन और कॅरियर पर काफी फोकस कर रहे हैं। कई बार वे कॅरियर बनाने केचक्कर में परिवार से दूर हो जाते हैं।

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