
वन विभाग की चौकियां बनी है अधिकारी तैनात होने के बाद भी पेड़ों की कटाई जारी






वन विभाग की चौकियां बनी है अधिकारी तैनात होने के बाद भी पेड़ों की कटाई जारी
बीकानेर/ बज्जू। पर्यवारण बचाने को लेकर अनेक योजनाएं एवं अभियान चलाए जा रहे हैं। वहीं बज्जू क्षेत्र में रोजाना जंगल व खेत से पेड़ों का सफाया हो रहा है। सबसे मजेदार बात यह है कि बज्जू क्षेत्र में कई जगह पर वन विभाग की चौकियां बनी है और अधिकारी भी तैनात है, लेकिन विभाग अपने स्तर पर कभी भी कोई कार्यवाही नहीं करता है, जिससे वन माफिया के हौसले बुलंद हैं ।कभी कभार कार्रवाई वन विभाग की उदासीनता की वजह से वन माफिया पर कार्रवाई नही होती है। हालांकि विभाग के बजाय पर्यावरण प्रेमी सजग रहते हैं। सजगता के कारण ही वन माफिया पर कभी कभार कार्रवाई होती है। वन विभाग संसाधनों की कमी बताते हुए इतिश्री कर लेता है। जब भी पर्यवारण प्रेमी सक्रिय होते हैं ,तब विभाग तुरंत मौके पर पहुंच जाता है।खेतों में काट रहे पेड़ मजेदा बात यह है कि पेड़ काटने वाले खेतों में जाकर खेत मालिक को निशुल्क पेड़ काटने का बोलते है। तब लालच में आकर खेत मालिक पेड़ काटने का बोल देता है और खेत में खेजड़ी से लेकर तमाम प्रकार के पेड़ काट लिए जाते है। हालांकि पेड़ काटने से खेत में ज्यादा भूमि पर कृषि होगी, लेकिन इसका पर्यावरण में विपरीत प्रभाव पड़ता है।कटाई कर कुतर बनाया पेड़ काटने के बाद किसी को शक ना हो। इनके पास विशेष प्रकार की मशीनें होती है। इसमें आरा मशीन, कट्टर आदि से पेड़ को का टते ही कचरे में बदलने का काम शुरू कर देते हैं और शाखाओं से लेकर पत्तों को कचरे के रूप कुतर बना देते हैं ,जिन्हें बाद में एक जगह जमा करवा देते है। उन्हें लाने ले जाने का काम माफिया ही करते हैं।इन जगहों पर सक्रियउपखण्ड क्षेत्र में पेड़ंो को काटने के लिए क्षेत्र में ठेकेदारों ने लंबे समय से जड़े जमाई हुई है। बज्जू के अलावा, आरडी 961, आरडी931, बीकमपुर, फुलासर, गोडू, गोगाडियवाला, आरडी 860 आदि क्षेत्र में सक्रिय हैं। ठेकेदार ही लोगों से संपर्क कर खेतों परमजदूरों व मशीनों को भिजवाते हैं और गाड़ी या मशीन पकडऩे पर ठेकेदार छुड़वाने का कार्य करता है।महंगे दामों पर बेच रहेखेतों व सरकारी जमीनों से पेड़ों का सया एक जगह एकत्रित करने के बाद जिप्सम व अन्य फैक्टरियों में महंगे दामों में कचराबेच रहे हैं। जानकारी के अनुसार 300 से 400 रुपए क्विंटल के हिसाब से कचरा फैक्ट्री पर बेचा जाता है जो पंजाब तक भी जाता हैऔर बाद में आग जलाने के रूप में काम आता है।


