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अचानक मौसम बिगडऩे से और तेज आंधी के साथ पूरे महाकाल लोक में मची अफरा-तफरी

उज्जैन। रविवार को दोपहर में अचानक मौसम बिगड़ गया और तेज आंधी के साथ पूरे महाकोल लोक में अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान कई प्रतिमाएं गिर गई और क्षतिग्रस्त हो गई। कई श्रद्धालु बाल-बाल बच गए। खबर मिलते ही जिला प्रशासन की टीम महाकाल लोक परिसर में पहुंच गई है। घटना शाम चार बजे की है। उज्जैन शहर में रविवार शाम को तेज आंधी के साथ हुई तेज बारिश में महाकाल लोक की कई मूर्ति क्षतिग्रस्त हो गई। इस दौरान वहां पहुंचे कई श्रद्धालु बाल बाल बच गए। महाकाल लोक में लगी सप्तऋषियों की प्रतिमा आंधी सह नहीं पाईं और गिर गई। किसी मूर्ति का हाथ टूट गया, तो किसी का धड़ अलग हो गया। जिस समय तेज आंधी आई वहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद ते। इनमें अफरा-तफरी मच गई। इससे पहले रविवार को सुबह ही सांदीपनि आश्रम के सामने भी तेज आंधी में पुराना पेड़ गिर गया था, जिसमें मोटरसाइकिल, एक आटो और कार क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के परिसर में बने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था।

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श्रद्धालुओं का प्रवेश रोका
इधर, आंधी के बाद क्षतिग्रस्त हुए मूर्तियों को सहेजने के लिए प्रशासन का अमला लगा हुआ है। वहीं महाकाल लोक परिसर में श्रद्धालुओं की एंट्री बंद कर दी गई है। वहीं घटना के बाद प्रशासन में इतनी खलबली मची हुई थी कि मीडिया को भी वहां जाने से रोका जाने लगा। इससे मीडियाकर्मी भी आक्रोषित हुए। हालांकि काफी वीडियो और फोटो महाकाल लोक के भीतर हुए नुकसान की कहानी कह रहे हैं। इधर, शहर कांग्रेस के अध्यक्ष रवि भदौरिया कार्यकर्ताओं के साथ महाकाल लोक परिसर पहुंच गए और वे क्षतिग्रस्त सप्तऋषि की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए। भदौरिया ने महाकाल लोक के निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। उनका कहा था कि सरकार ने काफी दावे किए थे कि यह मूर्तियां न तो आंधी तूफान से खराब होंगी और न ही इस पर बारिश का कोई असर पड़ेगा। प्लास्टर आफ पेरिस और प्लास्टिक की बनी यह मूर्ति हल्की बारिश और आंधी में टूट-फूट गई।

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