बीकानेर बना उड़ता पंजाब,कैफों में होती है सबसे ज्यादा नशाखोरी, आखिर क्यों नहीं चैक करती पुलिस - Khulasa Online बीकानेर बना उड़ता पंजाब,कैफों में होती है सबसे ज्यादा नशाखोरी, आखिर क्यों नहीं चैक करती पुलिस - Khulasa Online

बीकानेर बना उड़ता पंजाब,कैफों में होती है सबसे ज्यादा नशाखोरी, आखिर क्यों नहीं चैक करती पुलिस

शिव भादाणी की स्पेशल रिपोर्ट
खुलासा न्यूज बीकानेर। कुछ सालों पहले बॉलीवुड की एक फिल्म आई थी उड़ता पंजाब। उस फिल्म में पंजाब में बढ़ती नशाखोरी के बारे में बताया गया था। युवाओं में बढ़ती नशाखोरी की प्रवृत्ति उनके जीवन को बर्बाद कर रही है। इससे समाज को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। राजस्थान में भी नशाखोरी की प्रवृत्ति पिछले कुछ सालों से बढ़ती जा रही है। युवा पीढ़ी तरह तरह के मादक पदार्थों का नशा करने लगे हैं। शहर के युवा अब ऐसा नशा करने लगे है कि अब छोटे मोटे नशा से उनको नशा नहीं होता है। खुलासा ने इसकी तह तक जाने की कोशिश की तो जानकारी मिली है मेडिकल दुकानों पर मिलने वाले दर्दनिवारक इंजेक्शनों व दो अन्य इंजेक्शन मिलाकर उसको अपने हाथ पर लगाते है उससे नशा करते तब उनको नशा लगता है। सबसे ज्यादा नशा शहर के कैफों में बंटता है वहां पर नाबालिग सहित लड़कियों अपने लडक़े दोस्तों के साथ जाते है जहां पहले से बिना अनुमति के बने कैबिनों मे बैठकर नशे का सेवन करते है पहले थोड़ा थोड़ा करके फिर इसकी आदत पड़ जाती है तो समय होने पर शरीर नशा मांगता है तो लेना पड़ता है। एक जानकारी ओर सामने आई कि शहर के कई कैफों पर कॉलेज व कोचिंग लड़कियों व लडक़ों में मोटे ब्याज पर रुपये उधार दे देते है जिससे वो नशा करता है। जब रुपये नहीं दिये जाते है तो उनको धमकाया जाता है कि उनकी हरकतों को उनके माता पिता या सोशल मीडिया पर डाल देंगे। इससे डर कर लडक़े अपराध की ओर बढ़ रही है और लड़कियां किसी दूसरे लडक़े को अपने जाल में फंसा कर उसको ब्लैकमेल करने का काम करती है। ऐसी घटना बहुत हो रही कुछ तो पुलिस के पास पहुंच जाती है कुछ अच्छे घराने से होने से ले देकर मामला रफा दफा करवा देते है। इससे उनके हौसलें ओर बुलंद हो जाते है। शहर के जस्ससूर गेट, कोतवाली, जेएनवीसी, सदर, कोटगेट सहित अन्य थानों में बने प्राय: कैफों में युवाओं को नशा परोसा जाता है। मजे की बात कुछ कैफे तो पुलिस थाने के पास ही स्थित है लेकिन पुलिस अधिकारी ने अपने क्षेत्र में खुले कैफें की कभी जांच नही कि वहां पर क्या गतिविधियां हो रही है। अगर ऐसा ही रहा है तो आने वाले समय में 10 साल की बच्चा भी एमडी जैसे खतरनाक नशा करेंगे। पुलिस के छापे से पहले पहुंचती है सूचना आजकल तो नियम हो गया है कैफे या अन्य जगह जांच करने पर पुलिस तैयारी करती है उससे पहले ही थाने से कैफें संचालक को सूचना पहुंच जाती है और कैफे संचालक सचेत हो जाता है।
सूत्रों से मिली खबर के अनुसार
जब खुलासा ने एक कैफे संचालक को अपने विश्वास लेकर पूछा की आपके यहां नाबालिग लडक़े व लड़कियां आती है और धम्रुपान के साथ नशा करते है तो यह पर पुलिस ओर नहीं आती है तो उसने जो जबाब दिया उससे साफ जाहिर हो गया कि पुलिस की शह के बिना इलाके में परिंदा भी पैर नहीं मार सकता है। उसने कहा थाने से बंधी बनी हुई जो हमें पहले ही सूचना दे देते है कि पुलिस का कोई बड़ा अधिकारी आज छापा मारेेंगें और हम पूरी तरह से सचेत हो जाता है।

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