14वां राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव : कथक में चतुरंग, अष्टपदी और 33 चक्कर की बंदिश ने रिझाया - Khulasa Online 14वां राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव : कथक में चतुरंग, अष्टपदी और 33 चक्कर की बंदिश ने रिझाया - Khulasa Online

14वां राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव : कथक में चतुरंग, अष्टपदी और 33 चक्कर की बंदिश ने रिझाया

खुलासा न्यूज, बीकानेर। यहां डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहे 14वें राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव मंगलवार की शाम तब खास हो गई जब देश-विदेश में मशहूर लखनऊ की कथक नृत्यांगना आकांक्षा श्रीवास्तव के निर्देशन में दस नर्तक-नृत्यांगनाओं ने कथक के विभिन्न रूपों का उम्दा मुजाहिरा किया। इस दौरान पेश चतुरंग में सावन में अपने प्रियतम की प्रतीक्षा करती नायिका की अभिव्यक्ति ने सुधी दर्शकों को आह्लादित कर दिया। इसमें मोर की गत, पद संचालन और अंग विन्यास नेे नृत्य प्रेमियों का दिल जीत लिया।

पारंपरिक कथक की प्रस्तुति में ताल, अष्टमंगल 11 मात्रा की पेशकश में टुकड़े, परन, तिहानिया और 33 चक्कर की बंदिश का जादू सुधी दर्शकों के सिर चढ़कर बोला, सब वाह-वाह कर उठे, यहां तक कि कथक नहीं जानने वाले भी दाद दिए बगैर नहीं रह सके। इस दौरान महाराज बिंदादीन द्वारा रचित आठ पद, जिसमें कथक का पूर्ण साहित्य है की अष्टपदी की प्रस्तुति ने कला प्रेमियों की खूब सराहना पाई। इसमें कथक के शुद्ध पक्ष के साथ कभी भगवान शिव, तो कभी भगवान कृष्ण को मंच पर साकार कर दिया। इस प्रस्तुति में आकांक्षा के साथ सिमरन कश्यप, शैली मौर्या, प्रीति तिवारी, गौरी शर्मा, सीमा सोनी, सपना सिंह, श्रद्धा श्रीवास्तव, आदित्य गुप्ता और विकास अवस्थी शामिल थे।

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