शादी में फेरे के लिए पहली शर्त है कि दूल्हे की दाढ़ी बढ़ी हुई नहीं होगी। क्लीन शेव होगा तो ही फेरे होंगे। इसके साथ ही फैशन के नाम थीम बेस्ड होने वाली हल्दी की रस्म में पीले फूल से लेकर कपड़े और डेकोरेशन पर भी फिजूलखर्ची की तो जुर्माना देना होगा।

ये फैसला है कुमावत समाज के 19 खेड़ों(गांवों) का। दरअसल, गुरुवार को पाली शहर में कुमावत समाज की बैठक हुई। बैठक में शादियों में फैशन के नाम होने वाली फिजूलखर्ची को रोकने का फैसला लिया गया। साथ ही मायरे से लेकर गंगा प्रसादी में दिए जाने वाले तोहफे, जेवरात और खाने पर भी कई निर्णय लिए हैं। समाज के लोगों का तर्क हैं कि विवाह एक संस्कार है और दूल्हे को इसमें राजा के रूप में देखा जाता है। जबकि फैशन के फेर में दूल्हे कई प्रकार की दाढ़ी बढ़ाकर रस्में निभाते हैं। समाज के लक्ष्मण टांक व बोहराराम मालवीया ने कहा कि फैशन मंजूर है, लेकिन शादी में इस तरह नहीं।

समाज के अन्य फैसलों को जानने से पहले यहां दिए गए पोल पर आप अपनी राय दे सकते हैं।

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